shabd-logo

जीवन में कुछ...

28 जुलाई 2022

18 बार देखा गया 18
जीवन में कुछ... 

जीवन में कुछ, यदि बनना
सबसे पहले, इक नदी बनना
सतत जीवन का, आधार हैं नदियाँ
जीवनभर जीवन की, गति बनना

निकलना पडे़गा, तोड़कर पत्थरों को
चलना  पडे़गा,  सींचकर  बंजरों  को
नूतन नव चेतन की, कृति बनना
जीवन में कुछ... 

*****
जीवन में कुछ, यदि करना
सबसे पहले खुद, खुदी रखना
प्रखर जीवन का, आकार है आत्मा
जीवनभर जीवन की, प्रति बनना

जलना पडे़गा, ओढ़कर अंधेरों को
उगना पडे़गा, चीरकर  तिमिरों को
पतन के शमन की, विधि बनना
जीवन में कुछ... 

*****
जीवन में कुछ, यदि रखना
सबसे पहले धैर्य, मही रखना
समग्र जीवन का, साभार है धरती
जीवनभर जीवन की, यति बनना

रहना पडे़गा, थामकर थपेड़ों को
जमना पडे़गा, बांधकर मेड़ों  को
अनवरत सृजन की, निधि बनना
जीवन में कुछ... 

*विपिन कुमार सोनी, 
09/10.09.2015, 
16.08.2016, 09.02.2017
17.12.2021
प्रयागराज(इलाहाबाद)

शब्दार्थ:
खुदी - आत्मसम्मान, मही - पृथ्वी, यति - त्यागी/संन्यासी

Vipin Kumar Soni की अन्य किताबें

6
रचनाएँ
संकल्प-विकल्प
0.0
मनुष्य अशेष भावनाओं से पोषित है, जो समाजिकता का आधार है, मनुष्य से मनुष्य की संलग्नता की ओर प्रेरित होता है और जीवन का प्रेरकत्व बनता है, इसी से समाजिकता का आविर्भाव होता है, हम जीवन के विसद आयामों से परिचित होते हैं, जिसकी अनुभूति से मनुष्यता के पथ पर पग बढ़ते है और आधारभूत स्वस्थ समाज की संरचना होती है, यही जीवन की सकारात्मकता है, हमारे लिए संकल्प-विकल्प का स्वरूप धारित करता है...
1

जीवन में कुछ...

28 जुलाई 2022
0
1
0

जीवन में कुछ... जीवन में कुछ, यदि बननासबसे पहले, इक नदी बननासतत जीवन का, आधार हैं नदियाँजीवनभर जीवन की, गति बननानिकलना पडे़गा, तोड़कर पत्थरों कोचलना पडे़गा, सींचकर बंजरों

2

परम आदरणीया लता मंगेशकर जी के 92वे जन्म दिवस के सुअवसर पर..... 

28 जुलाई 2022
0
1
0

ईश्वर सत्य है, सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर है... सत्यम् शिवम् सुन्दरम्... की अनुगूंजित स्वर लहरी प्रातः की आत्ममुग्ध अनुभूति, तो भोर भये पनघट पे मोहे नटखट श्याम सताये से भोर का लुभावना अहसास व मन की

3

थोड़ा झुक जाओगे...

28 जुलाई 2022
1
2
0

थोड़ा झुक जाओगे, पूछो न, क्या हो जाओगे ?आस्मां की तरह,धरती पर छा जाओगेबनके बरसोगे गर,बूंद जैसे जीवन केथोड़ा गिर जाओगे,पूछो न, क्या हो जाओगे ?बरखा की तरह,सृष्टि में समा जाओगेथोड़ा झुक.....जलके चमकोगे

4

... गुजर गया फिर से

29 जुलाई 2022
0
1
0

कोई यूं रूठ कर गया, फिर सेएक लम्हा गुजर गया, फिर सेअश्क आंखों से मचल कर गिरतेगर उठ गयीं होती पलकेंकोई यूं मूंद कर गया, फिर सेएक लम्हा गुजर गया, ... तमाम शख़्स तो बैठे थे मगरउठ गयी महफ़िल फिर भीको

5

झण्डा गीत

3 अगस्त 2022
0
1
0

आगामी 15 अगस्त, 2022 को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के शुभ सुअवसर पर "आजादी का अमृत महोत्सव" की श्रृंखला में राष्ट्रीय तिरंगे झण्डे पर आधारित... झण्डा गीत*********लहर-लहर, लहराए तिरंगाफहर-फहर,फहराएं

6

आगामी 15 अगस्त, 2022 को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के शुभ सुअवसर पर "आजादी का अमृत महोत्सव" की श्रृंखला में राष्ट्रीय तिरंगे झण्डे पर आधारित...झण्डा गीत *********

8 अगस्त 2022
0
1
0

लहर-लहर, लहराए तिरंगाफहर-फहर,फहराएं तिरंगापहला रंग, केसरिया इसकात्याग-तपस्या अर्थ है जिसकाभेंट चढ़ाकर जीवन अपनासम्मान बढ़ाएं हमसब इसका हरष-हरष, हरषाए तिरंगालहर-लहर, लहराए... दूजा

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए