विकास की डोर थाम ली है हमारे नेताओ ने ।
अब नये शमशान और कब्रिस्तान बनायेंगे।।
कही भूल न जाओ तुम लोग मजहब की बाते !
याद रखना इंसानियत को इसी से मिटायेंगे ।।
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डी के निवातिया
21 फरवरी 2017
विकास की डोर थाम ली है हमारे नेताओ ने ।
अब नये शमशान और कब्रिस्तान बनायेंगे।।
कही भूल न जाओ तुम लोग मजहब की बाते !
याद रखना इंसानियत को इसी से मिटायेंगे ।।
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डी के निवातिया
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लेखन एव पाठन में विशेष रूचि,लेखन एव पाठन में विशेष रूचि,लेखन एव पाठन में विशेष रूचिD