सोचा न था
!
एक रोज़ इस मोड़ से गुजरना पड़ेगा,
जिंदगी को मौत से यूँ लड़ना पड़ेगा,
चलते चलते लड़खड़ायेंगे पग राहो में
गिरते गिरते खुद ही सम्भलना पड़ेगा !!
!
डी के निवातिया
23 सितम्बर 2019
सोचा न था
!
एक रोज़ इस मोड़ से गुजरना पड़ेगा,
जिंदगी को मौत से यूँ लड़ना पड़ेगा,
चलते चलते लड़खड़ायेंगे पग राहो में
गिरते गिरते खुद ही सम्भलना पड़ेगा !!
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डी के निवातिया
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लेखन एव पाठन में विशेष रूचि,लेखन एव पाठन में विशेष रूचि,लेखन एव पाठन में विशेष रूचिD