भावी आथित्य संस्कारो की झलकियां ………………
परिवर्तन के इस दौर में
भविष्य का चित्र कुछ ऐसे उभर कर आयेगा !
नैतिक मूल्यों के संग संग
संस्कारो का समस्त स्वरुप ही बदल जाएगा !
सर्वप्रथम आथित्य सत्कार में,
जो आगंतुक को विधिवत लुभायेगा !
वही सुधि जन सर्वगुण संपन्न,
सस्कारी जमात का गुरु कहलायेगा !!
प्रथम काज अतिथि प्रणाम के स्थान पर
मोबाईल चारजिंग की स्थिति का पता लगायेगा
स्वागत स्वररूप आगंतुक को बिठाने से पूर्व
मोबाईल की चारजर सुविधा उपलब्ध करायेगा
संस्कारो की श्रेणी का महत्वपूर्ण गुण माना जायेगा….!!
मिलने का सिलसिला कुछ ऐसा होगा
जब घर की अपेक्षा कोई सार्वजनिक स्थान पर
मिलने की उत्सुकता दिखलायेगा,
अच्छे गणमान्य जनो में उसका नाम लिया जायेगा !!
संस्कारो के सिलसिला आगे ऐसे बढ़ेगा
आथित्य सत्कार में अतिथि को द्वार से ही भेंट कर
लौट जाने को जो मजबूर करायेगा,
इंसानो में सबसे बड़ा समझदार प्राणी वो ही कहलायेगा !!
वक़्त की चाल से आगे चलने का
जो हुनर कुछ इस तरह अपनायेगा
आगंतुक को खानपान व्यवस्था का
प्रबंध साथ में करके आने का आह्वान करायेगा
संस्कार के गुणों में सर्वदा वो चार चाँद लगायेगा !!
इससे भी अग्रणी बन
दूरभाष यंत्रो को सदुपयोग में लाकर
भाईचारे का अपनत्व दिखायेगा
मिल्न से होने वाली हानियों से
यथासमय अवगत करा जागरूकता फैलायेगा
वह व्यक्ति शिष्टाचार का गुरु कहलायेगा !!
निकट भविष्य में जब पानी का अकाल पड़ेगा
जहर भी पानी की अपेक्षा सस्ते दामों बिक जायेगा
उक्त समय में भेंट स्वरुप जो
दो बोतल पानी की अपने साथ में लायेगा
सर्वोत्तम अतिथि का पद, सम्मान के साथ वो ही पायेगा !!
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डी. के निवातियाँ _____________@