प्रकाश कहता है ,*" यार तुम लोग पढ़े लिखे होकर भी बेवकूफ बन जाते हो, वह उनकी साथी होगी, *"! मिलिंद चौकता है, ,प्रकाश पूछता है कि वह उस लड़की को कैसे जानते हो तो वह पूरी कहानी बताता है, प्रकाश कहता है ,*" ये सब प्लांड गेम होते हैं ,तुमने तो सब बता दिया नही तो लोग शर्म के मारे नही बताते हैं, हमारे पास कुछ और कंप्लेंट आई पर लोग आगे बढ़कर अपराधी को पकड़वाना नही चाहते हैं या फिर दर के मारे चुप हो जाते हैं, अब तुम्हे क्या करना है, *"!! मिलिंद सोचते हुए कहता है ,*" सर उन गुण्डो को तो पकड़ना है ,मुझे उनके चेहरे भी याद है,*" ! प्रकाश खुश होकर कहता है *" वेरी गुड ,*"! वह साइबर क्राईम के ऑफिसर को कॉल करता हैं, थोड़ी ही देर में वह वहां पहुंच जाता है , मिलिंद उनके मोबाइल पर अपना f b खोल कर मधु का अकाउंट दिखाता है , वह 5 मिनट में पूरी हिस्ट्री निकल देता है और कहता है *" ये आई डी अब बंद हो गई है ,और उसका नंबर भी ,*"! अब मिलिंद समझ गया की उसको बेवकूफ बनाया गया,,वह प्रकाश से कहता है ,*" सर कुछ भी करना पड़े मैं आपके साथ हूं इन्हे पकड़िए मैं इनके खिलाफ एफ आई आर करवाता हूं, *"!
साईबर क्राइम टीम अब उस ग्रुप के पीछे लग गई थी, प्रकाश ने स्कैचर को बुलवाकर उनके स्कैच बनवाकर पूरे शहर में लगवा दिया था, वैसे तो एक क्राइम करने के बाद जगह बदल देते थे ,पर गलती से एक दुकान वाले की नजर उनमें से एक पर पड़ जाती है ,दुकान वाला प्रकाश का खबरी भी था, वह कन्फर्म तो नही था पर स्कैच से मिलता जुलता एक आदमी उसके सामने की दुकान पर खड़ा मोबाइल पर बात कर रहा था,वह प्रकाश को कॉल करता है तो वह पास में ही था 5 मिनट में अकेले ही पहुंच गया पर कुछ सादे भेष में पुलिस को भी बुला लिया था, प्रकाश उस आदमी को देख पहचान गया कि इसका भी स्कैच है ,वह मिलिंद को तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचने के लिए कहता है ,उस आदमी को भी कुछ शक होता है कि लोग उस पर नजर रखे हैं ,वह वहां से अपनी बाइक पर बैठ निकलने वाला होता है,तभी प्रकाश उसके पीछे बैठ जाता है ,और कहता है *" पुलिस स्टेशन चलो,*"! वह हड़बड़ा जाता है और कहता है *" आप कौन हो और मैं पुलिस स्टेशन क्यों चलू मैं शरीफ आदमी हूं ,*"! प्रकाश कहता है *" शांति से चलेगा की मार खाना है, तु शरीफ़ है तो डरने की क्या जरूरत है, *"! तब तक बाकी पुलिस वाले भी आ जाते हैं,!!
मिलिंद उसे देखते ही पहचान गया क्योंकि उसने ही उसे दो बार मारा था,बस फिर क्या वह तोते कि तरह सब बताने लगा ,उसकी बाते सुन सब की आंखे खुल जाती है, ये लोग महीने में इस तरह के क्राइम कम से कम 12 से पंद्रह बार करते थे इनके ग्रुप में 3 सुंदर लड़कियां थी , पुलिस एक दिन में ही सभी को धर दबोचती है ,ये सब ठीक ठाक घर के थी ,पर ईजी वे से पैसे कमाने के चक्कर में क्राइम करने लगे थे,मिलिंद के सामने जब मधु आती जिसका नाम श्रेया था ,तो मिलिंद उसे बहुत लताडता हैं ,वह चुप चाप सुनती है ,सभी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया जाता है ,और आगे की करवाई शुरू हो जाती है ,
मिलिंद का सारा सामान सही सलामत मिल जाता है , पर यह एक संजोग ही था की ये सब पकड़े गए , इसमें इंस्पेक्टर प्रकाश की तत्परता भी थी उसने तेज़ी से सब कुछ किया था,*"! हम सभी जन बूझकर इस तरह के क्राइम में दस जाते हैं ,थोड़ी सी सतर्कता से हम इन सब क्राइम से बच सकते हैं ,सतर्क रहे सुरक्षित रहें,*"!!!!