पूनम फेस बुक और इंस्टाग्राम में लगी रहती है, वह दिन भर सोशल मीडिया में ही लगी रहती है, इधर कुछ दिनों से एक लड़के से उसका नया नया इंट्रोडक्शन हुआ था , वह दोनो एक वीक में ही एक दूसरे को प्यार करने लगे थे, वह लड़का जिसका नाम सुरेश था फेसबुक पेज पर, वह तो जैसे उसके प्यार में पागल ही हो गया था, पूनम भी उसके बातों में आकर उसके पीछे पागल हो रही थी ,सुरेश ना उस से उसका नंबर मांगा, तो उसने तुरंत दे दिया , "!! थोड़ी देर में उसका फोन आगया और वह बड़े प्यार से उस से बात करता है , और मिलने के लिए कहता है तो पूनम नेक्स्ट डे मिलने का प्रोग्राम तय करती है, पूनम मन ही मन खुश होती है ,वह उसके फ़ोटो को देखने लगती हैं , वॉट्स ऐप पर सुरेश मैसेज करता है, लिखता है ," तुम्हारे बिना अब नही रहा जायेगा , कल का बेसब्री से इंतज़ार है, पूनम ने मैसेज किया कि उसका भी वही हाल है और उस से तो कल का इंतजार भी नही हो रहा है, "!! दोनो काफी देर तक मैसेज पर बाते करते रहे थे, "!!
दूसरे दिन सुबह सुबह पूनम घर से तैयार होकर निकल जाती हैं ,उसने घर में भी कुछ नहीं बताया, और उस से मिलने चली गई, !!
रात पूनम घर नही पहुंची तो उसके पिता जीवन और मां अनुपमा परेशान होती है, वह उसके सहेलियों को फोन ट्राई करते है और उनसे और भी लोगो से पूछने के लिए कहते हैं , पर कहीं भी पूनम का पता नही चलता है ,पता भी कैसे चले अगर वह किसी से कुछ बता कर गई होती तब तो , वह तो अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम वाले प्रेमी से मिलने गई थी, !! काफी रात बीत चुकी थी फिर भी पूनम का कहीं पता नही चला तो, जीवन पुलिस के पास जाता है और वह उनसे अपने बेटी के बारे में बताते हैं, तो पुलिस चौक उठी ,क्योंकि आजकल इस तरह के कई केस दर्ज हो रहे थे, पुलिस अधिकारी हरीश ने तुरंत एक्शन लिया उन्होंने साइबर सेल को तुरंत फोन किया, और लड़की का डिटेल्स और नंबर देकर डिटेल्स निकालने को कहा, क्योंकि आजकल अधिकतर सोशल मीडिया ही माध्यम बना हुआ है, वह पूनम के नंबर का इंक्वायरी निकलवाते हैं तो उसके फोन का अंतिम लोकेशन सेंट्रल मॉल निकला, पुलिस वालो ने रात में ही जाकर मॉल उसका c c tv को चेक करते हैं , जीवन को पूनम कैलाश पर्वत के सामने बैठी दिखाई देती है , पर उसके आस पास कोई नजर नहीं आता है, हा एक कॉल जरूर आता है जिस पे बात करने के बाद वह वहा से उठकर बाहर जाती है, पुलिस बाहर कि फुटेज देखती है तो उसे वह एक कैब में बैठते हुए देखती है , फिर उसके मोबाइल का लास्ट लोकेशन मॉल क्यों दिखा रहा था , और अंतिम कॉल भी वही था , पुलिस वाले परेशान होते हैं की अब क्या करे, तभी साइबर सेल का कॉल आता है, वह बताते हैं कि उसका एफबी और इंस्टाग्राम पर किसी सुरेश नाम के लड़के से उसकी चैटिंग चल रही थी, पर सुरेश की आईडी फेक है, यह सुन पुलिस समझ गई कि मामला गड़बड़ है , साइबर सेल उस आईडी की डिटेल्स निकालने में लग गया था ,, पुलिस इस केस के पीछे बहुत तेज़ी से काम कर रही थी ,मामला लड़की का था ही साथ ही साथ साइबर क्राईम से जुड़ा हुआ था , पुलिस जबकि हमेशा लोगो को आगाह करती रहती हैं की सोशल मीडिया में दोस्ती सोच समझ कर करे फिर भी लोग आंख मूंद कर
लोगो से फ्रेंड्स शिप करते हैं, "!!
पुलिस को पूनम का कॉल डिटेल्स मिलता है ,तो वह नंबर भी मिल जाता है जिस से वह अंतिम समय में बात कर रही थी, और उस समय के बाद उसका फ़ोन स्विच ऑफ हो गया था, या तो उसकी बैटरी डिस्चार्ज हो गई होगी, अब वह लोग उस नंबर की इंक्वायरी शुरू कर दिया, उधर साइबर सेल ने बिना समय गंवाए उस फेक आईडी का सोर्स सॉफ्टवेयर पता कर लिया था। उन्होंने वो डिटेल्स भी पुलिस अधिकारी हरीश को भेजती है, तो वह नंबर किसी महेंद्र के नाम पर था और उसका पूरा डिटेल्स था, हरीश के पास सुरेश का फोटो भी आगया था, वह लोग तुरंत महेंद्र के एड्रेस पर पहुंचते हैं तो वहां सुरेश मिल जाता है तो पुलिस खुश हो जाती है पर तुरंत ही यह पता चलता है की वह तो महेंद्र है, और फोटो उसका है, पर आईडी उसका नही है, नंबर के बारे में पूछने पर वह बताता है की उसके एक दूर के रिश्तेदार उमेश जो कुछ दिन से यहां रह रहा था उसको लेकर दिया था क्योंकी यहां उसके पास कोई आईडी नही था , पुलिस उमेश के बारे में पूछती है तो वह कहता है कल सुबह से वह गया तब से आया ही नही , पुलिस वाले महेंद्र को साथ लेकर उमेश को खोजने निकलती है,,!
महेंद्र को पुलिस ने सब कुछ बता दिया था , महेंद्र को बड़ा झटका लगता हैं वह बेचारा सीधा साधा काम करने वाला लड़का था , महेंद्र उमेश के गांव उसके बाप को कॉल लगाकर बात करता है तो पता चलता है की रात में उसका कॉल आया था , वह आज शाम तक गांव पहुंच जाएगा , उसका गांव जालना के पास था , पर अभी तक यह कन्फर्म नही हो पाया था कि यह वही सुरेश है की और कोई सुरेश है यह तो उमेश के मिलने पर पता चलता, उसका मोबाइल लगातार स्विच ऑफ बता रहा था, तभी महेंद्र के फोन पर एक नए नंबर से कॉल आता है तो पुलिस वाले स्पीकर पर बात करने को कहता है, महेंद्र फोन पर बात करता है, सामने से जिसकी आवाज आती है वह उमेश ही था, महेंद्र से वह कहता है की वह कुछ अर्जेंट काम से बाहर आया है, महेंद्र पूछता है अभी कहां हो, तो वह कहता हैं मैं अभी सफर कर रहा हूं शाम तक गांव पहुंच जाऊंगा फिर दो दिन में वापस आऊंगा, पुलिस उसका नंबर सर्विलेंस को भेज चुकी थी वह उस से बात करते रहने को कहते हैं , महेंद्र उस से पूछता है की ऐसा क्या इमरजेंसी हो गई जो गांव का रहे हो वह कहता है ," यार पैसे खतम हो रहे थे और घर से आए भी 1 महीने हो गए तो एक नया फ्रेंड अहमदनगर किसी काम से आ रहा था तो मैं भी उसके साथ यहां तक आगया अब यहां से तो घर नजदीक है तो सोचा वहां भी हो लूं, चल बाद में कॉल करता हूं, "!! उसी समय सर्विलेंस का मैसेज आता है यह कॉल अंधेरी वर्सोवा से शांति बाई चाल से आई है ,सभी चौकते हैं , और सभी तुरंत शांति बाई चाल के लिए निकलते है , "!!
वह वर्सोवा के पास पहुंचते हैं तभी महेंद्र कुछ देख चौकता है और धीरे से गाड़ी रोकने को कहता है ,पुलिस वाले वैसे भी प्राइवेट गाड़ी सेफ्टी के लिए ले लिए थे वरना अपराधी पुलिस की गाड़ी देख गायब हो जाते हैं, महेंद्र के कहने पर गाड़ी रुकती है हरीश उसकी तरफ देखते हैं तो वह धीरे से कहता है कि सामने के रोड पर जो लड़का येलो शर्ट पहन कर फोन पर बात कर रहा है,वही उमेश है, पुलिस वाले बड़े आराम से उतरते हैं और इधर उधर घूमते हुए उमेश को घेर लेते हैं वह किसी से कोई डील की बात कर रहा था, तभी हरीश उसके कंधे पर हाथ रखकर कहते हैं हमसे डील कर लो वह चौक कर पीछे देखता है, तो हरीश उसका फोन छीन लेते हैं वह कुछ समझे उसके पहले ही बाकी लोग उसे पकड़ लेते हैं, हरीश डायरेक्ट उस से पूछते हैं ," क्यों बे सुरेश पूनम कहां है, कहां छुपाया है उसे ,"!! इतने सारे पुलिस वालो के साथ महेंद्र को देख वह घबरा तो जाता है पर बात सम्हालते हुए कहता है " कौन पूनम मैं किसी पूनम को नही जानता हूं और आप लोग कौन है, "!! हरीश अपना पिस्टल निकल कहता है," इसे गाड़ी में बैठाओ गोली मार देते हैं इसे तो कुछ पता ही नही है, ( उमेश से ) चल अंदर बैठ , तेरा खेल ही खतम कर देते हैं ,"!! उसे गाड़ी में जबरन बिठाते हैं , उमेश की हालत खराब होती हैं " हरीश गाड़ी में घुसते ही उसे एक जोरदार थप्पड़ मारते हैं और कहते हैं " अब भी सब सच सच बता दे तो बचने के चांस है वरना तुझे ठोक देंगे हमे वैसे भी एक वांटेड को मारना ही था उसके बदले तुझे टपका देते हैं ,"!! हरीश उस पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाते हैं , तो वह थोड़ी देर में टूट जाता है और वही पास के एक कमरे में बंद पूनम को दिखाता है, उसका यही। काम था की हर नई जगह जाता था और अपने किसी दूर के रिलेटिव के यहां टोकता था और सोशल मीडिया में लड़कियों को फसा कर उन्हे बेच देता था ,पूनम जिस कैब में बैठी थी, तो उसमे पहले से ही उमेश बैठा था और उसने पूनम को बताया था की सेफ्टी के लिए सुरेश ने उसको भेजा है, वह पहले ही अपना फोटो उसे भेज चुका था ,और बता दिया था की ये मेरा भाई है,और उसके फोन का बैटरी गाड़ी में बैठते ही डिस्चार्ज हो गया था बाद में वह उसको चल में ले आता है वह आना नही चाहती थी , पर वह उसको समझा कर ले जाता है, और घर पहुंच कर उसको जूस पीने को देता है जिसमे नींद की गोली थी , उसके पीते ही वह थोड़ी देर में बेहोश हो जाती है तो वह उसका हाथ मुंह बांध कर रख देता है उसको इस रूम की व्यवस्था उन्ही लोगो ने किया था जो उस से लड़कियों को खरीदते हैं, हरीश जाल फैलाकर सभी को पकड़ता है , पूनम को समझा कर उसके मां बाप को सौंपते हैं , और उमेश और उसके पूरे ग्रुप को पकड़ कर जेल में भेजते हैं , उन पर केस चलने लगा , ! पूनम के लिए पुलिस वालों ने एक मिनट भी बरबाद नहीं किया और 16 घंटे में ही उसे बचा लिया , उमेश और उसके ग्रुप के पास से और भी लड़कियों को निकाला गया जिन्हे वह लोग बेचने वाले थे,"!!!