मुकेश आज जल्दी जल्दी घर कि तरफ़ जा रहा था ,आज उसकी बच्ची का जन्म दिन था उसकी बेटी रिचा दस साल कि ही थी पर उसकी सुंदरता और भोलेपन की वजह से हर कोई उसे बहुत चाहता था, वह 5th क्लास में पढ़ रही हैं, अब कोरोना कि वजह से सभी बच्चो को मोबाइल पर ही ऑन लाइन पढ़ाई करनी पड़ रही हैं, तो रिचा के लिए भी एक मोबाइल लेकर दिया गया था,
वह पढ़ने में बहुत ही तेज़ थी,मुकेश कि वह लड़की थी वैसे तो उस से बड़ा उनका लड़का रोहित था पर वह रिचा पर जान छिड़कते थे , रोहित भी अपनी बहन को बहुत चाहता था , मां छाया तो दोनो बच्चो को बहुत चाहती हैं ,आज पूरे मोहल्ले के बच्चे उनके घर जमा होते हैं ,मुकेश अपनी एक नाश्ते चाय की दुकान चलाता है, जिसमे उसकी अच्छी आमदनी हो जाती है, वह आज रोहित और रिचा के लिए एक एक नई घड़ी लेकर आया था, वह दोनो को सरप्राइज गिफ्ट देना चाहता था, वह घर पहुंचता है तो सभी खुश हो जाते हैं क्योंकि उनके आने के बाद ही केक कटना था , वह घर में घुसते हैं तो सबसे पहले रिचा को ढूंढते हैं , पर वह कहीं दिखाई नहीं देती हैं, तो वह अंदर के कमरे में जातें हैं तो वहां भी नही है किचन में छाया प्लेट्स लगा रही थी, नाश्ता तो उनके अपने दुकान से पहले ही बन कर आ गया था, मुकेश छाया से रिचा के बारे में पूछते हैं तो वह कहती है वही कहीं होगी , या फिर पड़ोसी में अपना नया ड्रेस दिखाने गई होगी, पड़ोस में एक पुलिस का सब इंस्पेक्टर रहते है उनके परिवार में वह बहुत ही घुली मिली थी उनकी दोनो लड़कियां उसकी खास फ्रेंड थी ,लेकिन वह दोनो बच्चियां तो उनके घर में ही थी , फिर भी वह पड़ोस में जाते हैं तो वहां भी नही थी, सब इंस्पेक्टर राकेश को कुछ शंका होती है क्योंकि रात के साढ़े आठ बज रहे थे और रिचा उनके घर के अलावा कहीं जाती नही थी, वह मुकेश के साथ साथ बाहर निकल आता है दोनो ही आसपास खोजते हैं ,पर उसका कहीं पता नही चलता है तो राकेश उसे पहले पुलिस थाने ले जाकर तुरंत ,F I R करवाता है,और फिर उनके साथ घर आता है, अभी तक रिचा का कोई पता नहीं था जश्न का माहौल अब गम में बदल रहा उठा छाया तो रोना शुरू कर देती है ,सभी बच्चे एक एक घर और गली खोज लेते हैं पर रिचा का पता नही चलता है, उसके आस पास के लोग भी परेशान होते हैं, उसी समय पुलिस आ जाती है , और सभी से पूछताछ शुरू करते हैं, पर उन्हे कुछ सुराग नहीं मिलता हैं, वह बाहर जा कर देखते हैं , वहा भी लोगो से पूछ ताछ करते हैं, एक आदमी से पता लगता है की एक कार यह 7 बजे से साढ़े आठ बजे तक एक हीरो होंडा कार दिखाई दी थी पर उसमे कोई महिला थी शायद किसी का वेट कर रही थी, पुलिस वाले फिर से रिचा के घर आते हैं और वह उनसे पूछताछ करते हैं ,तो उन्हे पता चलता है की रिचा मोबाईल का उपयोग बराबर करती थी , वह ऑन लाइन पढ़ाई के साथ साथ गेम्स भी खेलती थी , ऑफिसर को लगता है क्यों ना उसका मोबाइल चेक किया जाए ,तो वह मोबाइल तो अपने साथ ही ले गया थी, और वह अब स्विच ऑफ था, ऑफिसर साइबर सेल को कॉल कर उसका नंबर देते हैं, और फास्ट इंक्वायरी करने को कहते हैं , क्योंकि मामला बच्ची का था , आजकल छोटी बच्चियों का किडनैप बहुत हो रहा था, और उन्हे पता है की अगर इसमें लेट हुआ तो सब कुछ हाथ से निकल जायेगा , वह कॉल ट्रेसिंग के लिए भी सर्विलेंस को नंबर दे देते हैं, और जल्दी से डिटेल्स निकालने को कहता है, सभी परेशान हैं, साइबर सेल वालो का कॉल आता है, वह बताते हैं कि रिचा के साथ गेम में कोई नीरजा नाम की लेडी मैसेज पर बात कर रही थी, और उसने उसको बर्थडे गिफ्ट देने के लिए बाहर बुलाया था , वह उस लेडी का डिटेल्स उनको भेजते हैं, पुलिस डिटेल्स देखती है , वह साइबर सेल से उसके और डिटेल्स निकालने को कहता है, उसी समय कॉल के डिटेल्स भी आते हैं , और उसके मोबाइल का लास्ट लोकेशन वहां से करीब 10 किलोमीटर दूर दिखा रहा था ,उसके बाद कुछ पता नही चल रहा था क्योंकी मोबाइल बंद हो गया था, पुलिस वहा के आस पास के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखते हैं , दो कैमरे में उन्हे होंडा सिटी कार दिखाई देती है ,पुलिस उस आदमी को बुलाकर गाड़ी को दिखाते हैं तो वह तुरंत पहचान जाता है, पुलिस वाले उस गाड़ी का नंबर जूम करके देखते हैं तो उस नंबर को तुरंत फ्लैश करते हैं की इस नंबर कि गाड़ी जहां कहीं भी दिखे उसे तुरंत पकड़ा जाए,साइबर सेल के मुताबिक रिचा की गेम पार्टनर थी नीरजा, वह उसको लाइफ गिफ्ट करती थी जिस से रिचा को गेम कंटिन्यू करने में ईजी होता था वरना लाइफ खतम होने पर गेम को आधे घण्टे तक रोकना पड़ता था, लाइफ मिलने से वह खुश हो जाती थी , उसी में वह उसे बताती है की उसका दो दिन बाद बर्थडे है तो, वह उसे मैसेज करती है की मैं तुम्हे उस दिन एक नया लेटेस्ट मोबाइल गिफ्ट करूंगी और चॉकलेट का एक बड़ा पैक भी दूंगी लेकिन पहले घर में किसी को मत बताना ,उन्हे सरपाइज देना , में तुम्हारे घर भी आऊंगी, "!! वह मान जाती है क्योंकि वह आंटी उसे पसंद भी थी, उसी समय यहां से 30 किलोमीटर पर वही होंडा सिटी दिखाई पड़ती है और पुलिस उसे रोकती हैं तो उसमें एक अधेड़ औरत दिखाई पड़ती है, वह पुलिस वालो पर भड़क जाती है कि वह लोग एक शरीफ औरत को परेशान कर रहे हैं, पुलिस वाले कहते हैं की "अभी तो उन्होंने उसे सिर्फ रोका है ,इसमें परेशान कहां और कब किया , वैसे वह कहां से आ रही है और कहां जा रही है , "!! वह कहती है" वह अभी पास से ही आ रही है और अपने घर जा रही हैं, "!! लेडी ऑफिसर उसे डिक्की खोलने को कहती है तो वह हां का इशारा करती है और पुलिस वाले डिक्की की तरफ जाती है तो वह गाड़ी स्पीड से भागती है , पुलिस उसके इस हरकत से भौचक्की रह जाती है ,और उसके पीछे गाड़ी लगा देती है,आगे सभी पेट्रोलिंग गाडियों को खबर कर दी जाती हैं , तो थोड़ी दूर जाते ही उसकी गाड़ी पकड़ ली जाती है, और उसे कब्जे में लेकर डिक्की खोलते हैं तो उसमे से रिचा मुंह हाथ बंधी हुई मिलती है, पुलिस उन्हे सीधे थाने ले जाती है और रिचा की तलाश कर रहे पुलिस अधिकारी को खबर कर देती है, वहां से पुलिस और मुकेश और छाया अपने पड़ोसी राकेश के साथ वहां जाते है, नीरजा जिसका असली नाम नीलम था , वह एक ग्रुप के लिए आठ से दस साल की लड़कियों को किडनैप कर उन्हे सौप्ती थी जिसके बदले उसे एक लड़की का 2 लाख रुपए मिलते थे, अब तक उसने करी 50 लड़कियों को उस ग्रुप में बेचा था सभी लड़कियां उसी उम्र की थी ,वह ग्रुप उन लड़कियों को विदेशों में सप्लाई करता था और एक लड़की के पीछे उन्हे 15 लाख मिलते थे, , पुलिस जाल बिछाकर उस ग्रुप को भी पकड़ते हैं ,वह तो पड़ोसी राकेश जो खुद पुलिस अधिकारी था उसकी तत्परता और रिलेशन काम आगया और पुलिस तुरंत एक्टिव हो गई थी और अपराधी को निकलने का मौका ही नही मिला था , किसी कारण वश ग्रुप के लोग टाइम पर नीलम के पास नही पहुंच पाए थे वरना रिचा भी नही मिलती, नीलम अलगलग नामी से आईडी बना कर छोटे बच्चियों की गेम पार्टनर बनती फिर उन्हे गिफ्ट देने के बहाने बुलाती और उन्हे बेहोशी की दवा सूंघकर गाड़ी में छुपा लेती थी , सब कुछ इतनी जल्दी होता है की किसी को पता ही नही चलता है, रिचा को उसके मां बाप को सौंपते हैं और आगे की करवाई के लिए नीलम को पुलिस हिरासत में लिया जाता है उसके ग्रुप के लोग भी पकड़े जाते हैं,पर जो भी हो पुलिस अगर चाह ले तो कोई भी अपराधी बच नहीं सकता,"!!¡