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❤️💝 इश्क पर जोर नहीं💝❤️ अंतिम भाग - 5

6 सितम्बर 2022

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आप लोगों ने पिछले पार्ट देखा ,कि कैसे समृद्धि कहती है कि वो सब कुछ सह और सुन सकती है । लेकिन अपने कैरेक्टर पर लोग सवाल उठाये । ये वो बर्दास्त नही कर सकती है ।

             अब आगे /

ये सुनकर सान्वी थोड़ी सैड हो जाती है और समृद्धि से कहती है -समृद्धि यार तुम इतना क्यों सोच रही हो ? लोगों  का क्या है वो तो कुछ भी सोचते रहते हैं और कहते रहते हैं ।तुम उनकी बातों में मत पढ़ो । मेरे डैड भी कोई अमीर पैदा नहीं हुए थे ।उनको भी लोग बहुत कुछ कहते हैं ।अगर वह उनकी बात सुनते तो आज इस मुकाम पर नहीं होते ।आज मेरे डैड को बड़े से बड़े लोग पहचानते हैं और उनको इज्जत देते हैं ।क्योंकि उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत की वजह से इस मुकाम को हासिल किया है ।पहले वह भी बहुत गरीब थे और आज देखो कितने सारे फैक्ट्रीज और कितनी बिल्डिंग्स  के मालिक है ।गरीब से अमीर बने हैं । इसलिए वह आज भी गरीबों से बहुत प्यार करते हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि डैड इस रिश्ते से मना नहीं करेंगे ।
            सान्वी की बात सुनकर समृद्धि बोलती है -यार तुम मेरी बात को नहीं समझ रही हो ।
    तब सान्वी समृधि से बोलती है - मैंने तुम्हारी बातों को खूब समझ लिया है । पर तुम मेरी बातों को नहीं समझ रही हो और हां अब मैं तुम्हारे मुंह से बार-बार गरीब हूं गरीब हूं का रट नहीं सुनना चाहती हूं ।
       सान्वी फिर समृधि से बोलती है - कि मैं आज जाकर डैड से तुम्हारे और भैया के रिश्ते के लिए बात करूंगी ।तुम ज्यादा मत सोचो सब ठीक होगा और फिर वहां से समृद्धि की राय जाने बिना ही सान्वी वहां से फटाफट चली जाती है । थोड़ी दूर पर जाकर वह मुड़ कर वहीं से समृद्धि को बाय-बाय माय वुड वी भाभी कह कर अपनी एक आई विंक कर देती है और फिर हंसकर वहां से चली जाती है ।

             ( रात 9:00 बजे )
   सान्वी  और शेष हर्षवर्धन सिंह राठौर दोनों हॉल में बैठे हुए थे और इधर -उधर की कुछ बातें कर रहे थे । तभी क्षितिज अपने ऑफिस से आता है और देखता है कि दोनों किसी बात पर हंस रहे हैं । तो वह अपने कमरे में नहीं जाकर उनके पास ही बैठ जाता है और पूछता है ।अरे वाह ! किस बात पर बाप बेटी को इतनी हंसी आ रही है । जरा हम भी तो जाने क्या बात हो रही थी यहा पर ।

      तो सानवी  तपाक से बोलती है - हम क्यों बताएं आपको कि हम क्यों हंस रहे हैं और किस बात पर ।आपने हमें कभी बताया है कि आपके लाइफ में आज कल क्या चल रहा है । या रोज रोज मेरे कॉलेज के रास्ते से क्यों जाते हो ?जब कि आपका ऑफिस उस रास्ते से बहुत दूर पड़ता है ।फिर भी आप उसी रास्ते से जाते हो और ज्यादा दिन से नहीं ।मेरे बर्थडे के बाद से ही जा रहे हो ।कभी बताया आपने कि क्यों जाते हो ? पहले तो मैं कहती थी कि भाई मुझे मेरे कॉलेज तक ड्रॉप कर दो तो आप कहते थे, उस रास्ते से आपका ऑफिस बहुत दूर है और आप मुझे किसी ड्राइवर के साथ जाने को बोल देते थे । लेकिन अब 5 - 6 माह से उसी रास्ते से जा रहे हो । आखिर चक्कर क्या है ?जरा हमें भी बताइए अपनी एक खूबसूरत राज😜 तो हम भी अपने हंसने का राज बता देंगे ।वह मुस्कुराते 😊हुए अपने डैड की तरफ देख कर बोलती है क्यों डैड ! सही कहा ना ।
   तो मिस्टर राठौर भी मुस्कुरा कर हाँ कर देते हैं ।
   तो क्षितिज सान्वी के कहने का मतलब समझ जाता है और हड़बड़ा कर कहता है । अ .. अ ..मेरा कोई खूबसूरत राज नहीं है । मैं ...मैं तो बस ऐसे ही जाता हूं ,उस रास्ते से और वह अपनी आंख दिखाते हुए सान्वी से कहता है - तु आज कल कुछ ज्यादा दिमाग नहीं चला रही हो सान्वी 🤨 मैं तुम्हारा बड़ा भाई हूं और तुम अपने बड़े भाई से ऐसे बात कर रही हो । तुम पिटोगी मुझसे ।
    तो सान्वी ने क्षितिज से कहा -आप बताते हो या नहीं कि मैं खुद डैड को बता दूं ।और हां आप मुझे धमकी मत दो ।मैं आपके धमकी से कोई डरने वरने वाली नहीं हूं । अगर आप मुझे मेरे बड़े भाई हो ,तो मैं भी आपकी छोटी बहन हूँ । मेरा भी पूरा हक है आपके ऊपर । रहि बात पिटाई की तो आप शौक से कर लो ।😜😁 क्योंकि मुझे पता है कि आप मुझे और डैड को कुछ नहीं बताओगे ।तो मैंने पहले ही आपके उस रास्ते से आने जाने का खूबसूरत राज बता दिया है 😜। मेरी तो नजर शुरू से ही आपके ऊपर थी । 
सान्वी  ये बात एक अदा के साथ ..सोफे बैठते हुए कहती है -आप इतने फास्ट निकलोगे भाई ।ये मुझे  पता नहीं था ।
सान्वी ये बात क्षीतीज को चिढ़ाते हुए कहती है। 
कुछ दिन से मैं यह नोटिस कर रही थी ।आपके हाव-भाव कुछ ठीक नहीं लग रहा था हमें । तो फिर क्या था  ,😜मैं आपकी जासूसी में लग गई ,और अब जो है वह आपके सामने हैं ।आपके और समृद्धि के बारे में ,मुझे सब कुछ पता चल गया है ।
आपने यह सोच भी कैसे लिया ? मेरी सहेली के साथ ऐसा करने को ? थोड़ा गुस्सा करते हुए सान्वी ने कहा ।
सानवी के ऐसे कहने पर क्षीतिज एकदम से चौक जाता है , लेकिन बोलता कुछ नहीं और इस समय वो अपना सर झुकाए बैठा था , और मन ही मन कुछ सोच रहा था , थोड़ा डर भी रहा था ,कि पता नहीं डैड को यह बात कैसी लगी है । वह कुछ कहने वाला था ,
कि तभी मिस्टर राठौर ने उससे पूछा -   आखिर तुम समृद्धि के बारे में जानते क्या हो ? और  कभी , उसकी राय जानने की कोशिश कि है ?कि वह क्या चाहती है ?
थोड़े देर रुक कर फिर से मिस्टर राठौर ने उससे पूछा -
और क्षितिज  तुमने यह सोच भी कैसे लिया कि ,वह इस घर की बहू बनेगी ? 🤔 
मिस्टर राठौर के मुंह से समृद्धि के लिए यह सब सुनकर क्षितीज एकदम शॉक्ड हो जाता है ! , और सोचने 🤔लगता है ।आखिर डैड को हो क्या गया है ? डैड तो ऐसे पहले नहीं थे !
फिर मिस्टर राठौर बोलते हैं - मैं उस लड़की को इस घर की बहू नहीं बनाऊँगा । मिस्टर राठौर की यह बात सुनकर तो सान्वी भी थोड़े देरके लिए शॉक्ड हो जाती है ! क्योंकि कुछ दे पहले ही .. मिस्टर राठौर सान्वी से ..समृद्धि को अपने घर की बहू बनाने को बोले थे ,और साथ में उन्होंने यह भी कहा था कि , समृद्धि के जैसे कोई लड़की नहीं हो सकती है । हमारे क्षितिज के लिए समृद्धि बहुत अच्छी लड़की है ।🤗
सान्वी अभी यही सब सोच रही थी ।🤔
और इधर क्षितिज का हाल भी बहुत बुरा था ।
मिस्टर राठौर की यह बात उसके ऊपर ,एक गाज बनकर गिरा था ।कुछ पल के लिए उसकी अपनी दुनिया बिल्कुल शुन्य की तरह दिख रही थी ।🙁
फिर उसने अपने आप को संभाला और मिस्टर राठौर से बोला ।
डैड मैं समृद्धि से बहुत प्यार करता हूं ।
हां वह मिडिल क्लास जरूर है , लेकिन दिल की बहुत अमीर है । डैड समृद्धि  बहुत अच्छी लड़की है । प्लीज 🙏🏻🙁आप उसे अपने की बहु बना लिजिये ना डैड ।

(क्षितिज की आवाज बोलते समय , थोड़ा कपकपा रहा था । वह इस समय अपने आप पर ,बहुत कंट्रोल किए हुए था । क्योंकि समृद्धि के बिना उसकी जिंदगी बिल्कुल शून्य थी ।वो  समृद्धि को किसी भी हाल में खोना नहीं चाहता था । )

तो मिस्टर राठोर  बोले -समृद्धि इस घर की बहू नहीं बन सकती है । क्योंकि वो इस घर की बेटी है 😁😁और यह कहकर मिस्टर राठौर जोर जोर से हंसने लगते हैं ।
इस बात को सुनकर सान्वी ने भी एक राहत की सांस ली ।☺️ लेकिन क्षितिज अभी भी सदमे में था । उसे लग रहा था , कि यह एक सपना है ।
तभी मिस्टर राठौर ने क्षितिज को प्यार से अपने गले लगाते हुए बोला -मैं बहुत खुश नसीब हूँ🤗 कि मुझे बहू के रूप में बेटी मिल रही है ।
समृद्धि सच्च में एक बहुत ही संस्कारी लड़की है । वह एक हीरा है हीरा ।
क्षितिज के आंखों से खुशी के आंसू निकलने लगते हैं । और वह उनसे लिपट कर कहने लगता है । डैड आपने तो मुझे डरा ही दिया था । डैड हम सच में बहुत डर गए थे ।
क्षितिज की यह बात सुनकर , मिस्टर राठौर उसे प्यार से थपथपाते हुए कहे -अरे ! मैं तुम्हारा बाप हूं बाप ।😊 कोई दुश्मन नहीं । जो तुम्हारी खुशियों छीन लेंगे तुमसे ।

वह तो कुछ देर पहले हम नाटक कर रहे थे हम देखना चाहते थे कि तुम सच में उससे प्यार करते हो ?या नहीं ।
समृद्धि तुम मुझे पहले दिन से ही पसंद थी ।मैं तो सिर्फ तुम्हारे मुंह से ये सुनना चाहता था ।कि तुम मुझसे प्यार करते हो और उससे शादी भी करना चाहते हो ।

फिर मिस्टर राठौर ने क्षितिज से पूछा - क्षितिज तुम कभी समृद्धि से पूछे हो इसके बारे में । मेरा मतलब है शादी के बारे में ।आखिर उसकी भी तो सहमति चाहिए होगी ना क्षितिज ।🤔

   क्षितिज बोलता है -ओके डैड मैं पूछ लूंगा उससे ।फिर सीधे समृद्धि से मिलने  के लिए उसे पास के एक रेस्टोरेंट में बुलाता है । 
   समृधि कुछ देर बाद वहां आती है और क्षितिज के सामने वाले चेयर पर बैठते हुए  पूछती है - आपने मुझे क्यों अर्जेंटलि कॉल करके बुलाया है यहां पर ?
   क्षितिज मुझे तुमसे कुछ पूछना है ।
   समृद्धि -तो पूछिए । क्या पूछना है आपको ।
क्षितिज -समृधि विल यू मैरी मी ?
समृद्धि -आप क्यों नहीं समझ रहे हो ?  मैं आपसे शादी नहीं कर सकती हूँ ?
    क्षितिज - तुम इसीलिए ना मुझसे शादी नहीं करना चाहती हो कि मैं एक अमीर बाप का बेटा हूं ?
  ( यह बात समृद्धि का चेहरा अपने दोनों हाथों में लेकर उसे समझाते हुए कहता है ।)
   समृधि ! तुम समझने की कोशिश करो । प्यार  अमीर -गरीब देखकर नहीं होता हैं ।ये तो प्यार है ,यह किसी से भी हो सकता है और कभी भी ।
     क्षितिज थोड़ा सीरियस होकर अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए समृधि से बोलता है -तुम्हारे पास दो रास्ते हैं ।
पहला तुम मेरे प्यार को ठुकरा कर ,कांटों भरे रास्ते पर चलना पसंद करोगी ?
या दूसरा रास्ता मेरे घर की तरफ जाता है ,जहां तुम्हारे सारे दुख - दर्द समझने के लिए मैं मौजूद हूं ।
अब फैसला तुम्हारे हाथ में है ,कि तुम कौन सा रास्ता चुनना पसंद करोगी ,और याद रखना अगर आज तुमने मेरा ये बड़ा हुआ हाथ ठुकरा दिया । 
तो मैं फिर कभी तुम्हारे रास्ते में नहीं आऊंगा ।

    समृद्धि के होंठ सख्ती से भिंचते  चले गए । मगर साथ ही सफेद चेहरे पर गहरे कशमकश के भाव उभर आए थे । 
      जाहिर था कि दुविधा में फंस कर रह गई थी ।
     क्षितिज की नजरें समृद्धि के चेहरे पर जमी हुई थी ।  
    कुछ पल यूं ही गुजर गए ।
    इस बीच दोनों के दरम्यान तनावपूर्ण खामोशी अपने पांव पसार रही थी । 
    मगर फिर समृधि निर्णय करने में सफल हो गई । और उसका वह निर्णय क्षितिज के पक्ष में ही था ,क्योंकि उसने उसका बड़ा हुआ हाथ थाम लिया था ।

तब क्षितिज अपने डैड को आकर बता देता है कि समृद्धि उससे शादी करने के लिए मान गई है ।

तब मिस्टर राठौर समृद्धि के घर उसके मम्मी पापा से उसका हाथ अपने बेटे क्षितिज के लिए मांगने गए ।
पहले तो वह लोग भी थोड़ा हिचकी जाए इतने बडे घर में शादी करने से । फिर मान गए ।फिर पंडित जी से शुभ मुहूर्त दिखाकर शादी के लिए डेट  फिक्स हो गई ।

                      कुछ दिनों बाद


आज सुबह मिस्टर राठौर के घर को एक दुल्हन की तरह सजाया गया था और वो अपने बेटे की शादी में बहुत खर्च किए थे । इस शादी में बहुत बड़े-बड़े लोग आए थे ।सब लोग मिस्टर राठौर की तारीफ कर रहे थे कि उन्होंने एक मिडिल क्लास फैमिली की लड़की को अपने घर की बहू बनाया है ।समृधि और क्षितिज की शादी पूरे विधि विधान के साथ हुआ ।सब लोग इस शादी से बहुत खुश थे । समृद्धि भी आज बहुत खुश लग रही थी , क्योंकि उसे पति के रूप में क्षितिज जैसा लड़का मिला गया था ।फिर दोनों ने अपने से बड़ों का आशीर्वाद लिया । भविष्य और सान्वी के तो  खुशी का ठिकाना नहीं था । क्योंकि उनको आज एक भाभी मिल गई थी और साथ ही साथ एक दोस्त भी ।समृद्धि के आ जाने से घर में चारों तरफ खुशियां ही खुशियां छाई हुई थी ।

सारे गेस्ट धीरे -धीरे अपने - अपने घर चले गये ।


सारे रश्मो रिवाज के बाद समृधि और क्षितिज भी अपने कमरे मे रेस्ट करने के लिए आते है ।
तभी समृधि बेड पर बैठते हुए क्षितिज से पूछती है । अगर हमारी शादी नहीं हुई होती तो क्या होता क्षितिज ।

  


तब क्षितिज ने समृधि के सर पे किस किया और उसे टाईट हग करते हुए । उसके कान में हौले से कहा । तुम मेरी जान हो समृधि और जान के बिना कौन जी सकता है भला ।
समृधि क्षितिज के गले में अपनी बाँहे डालते हुए और स्माईल करते हुए बोली - अब आपको आपकी जान मिल गई ना मेरे हैंडसम बॉय !
क्षितिज - वाऊ .. हैंडसम बाँय ।पहले तो ऐसा नहीं कभी कहाँ था आपने ? सच - सच बताना क्या मैं इससे पहले हैंडसम नहीं लगता था तुम्हें ?
समृधि मुस्कुराते हुए बोलती है - लगते थे , पर आज कुछ ज्यादा ही लग रहे हैं ।
क्षितिज -ओ ये बात है ! मुझे लगा था पहले हैंडसम नहीं लगता था । सिर्फ आज लग रहा हूँ ।
क्षितिज समृधि को चिढ़ाते हुए कहता है - ऐसे ही   लड़कियाँ क्षितिज सिंह राठौर पर नहीं मरती है ।  
समृधि थोड़ी चिढ़ते हुए कहती है -तो जाइए आप उन्हीं लड़कियों के पास   ।मेरे पास क्यों आये हैं और उन्हीं से शादी भी कर लिजिए । मुझसे क्यों की । उससे थोड़े दूर हटते हुए कहती है ।   तो क्षितिज समृधि का हाथ अपने हाथ में लेते हुए  प्यार से कहता है -अरे ! अरे ! मैं तो मजाक कर रहा था । तुम तो मेरी पहली इश्क हो । मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे कभी इश्क होगा । तुमसे इश्क करने के बाद ही मुझे पता चला कि इश्क पर किसी का जोर नही चलता ।

तुमसे मिलाया था ,
मेहमा बनाया था ,
अब बोले मालिक हैं 
मेहमा नही ....

सोये अरमा जागे क्यू ...
अपना ही दिल ठगे क्यूं ...
हर पल सकल नया 

चले ना जोर इश्क पे
थोड़ा सा और इश्क पे
करेंगे गौर इश्क पे
ये दर्द है या है दवा

होता यहीं है हर दफा 
चाहें जिसे वही है खफ़ा
कैसा अजब है पल सफा
किस्सा हमारा ....

माहिया ...
माहिया ...
माहिया ...
माहिया ...

चुपके से चोरी से
धागे से डोरी से
कैसे तो बांधी है
तुने ये नज़र ..

क्या जाल साजी है
दिल हुआ राज़ी है
दिल के आलावा है
सब को खबर

अपने ही घर का पता दे
हमको भी कोई बता दे
आख़ीर है बात क्या

चले ना जोर इश्क पे
थोड़ा सा और इश्क पे
करेंगे गौर इश्क पे
ये दर्द है या है दवा

होता यहीं है हर दफा
चाहें जिसे वही है खफ़ा
कैसा अजब है पल सफा 
किस्सा हमारा ....

माहिया ...
माहिया ...
माहिया ...
माहिया ...





❤️💝🤗🎉🎊समाप्त ..🎊🎉🤗💝❤️


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रचनाएँ
💝❤️इश्क पर जोर नहीं❤️💝
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सेठ हर्षवर्धन सिंह राठौर की कोठी जहां बर्थडे की शानदार पार्टी चल रही थी ।दूसरी तरफ सेठ हर्षवर्धन सिंह भले ही 50 पार कर चुके थे, परंतु मजे की बात यह थी कि इस उम्र में भी कनपटीयों के चंद वालों को छोड़कर उनके सिर का अन्य एक भी बाल सफेद नहीं था ।और कनपटीयों के वे चंद बाल भी उनके व्यक्तित्व को और आकर्षक एवं प्रभावशाली बना रहे थे ।
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   💝❤️इश्क पर जोर नहीं❤️💝 भाग 1

6 सितम्बर 2022
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सेठ हर्षवर्धन सिंह राठौर की कोठी जहां बर्थडे की शानदार पार्टी चल रही थी ।दूसरी तरफ सेठ हर्षवर्धन सिंह भले ही 50 पार कर चुके थे, परंतु मजे की बात यह थी कि इस उम्र में भी कनपटीयों के चंद वालों को छोड़कर

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💝♥️इश्क पर जोर नहीं❤️💝 भाग 2

6 सितम्बर 2022
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समृद्धि सिकुड़ कर रहा गई । अपने हाथ को और पीछे छुपाते हुए बोली -तुम्हें कोई गलतफहमी हो गई है ,सान्वी । मैं सच कह रही हूं ,आई हैव नथिंग ,बिलीवमी । सान्वी - अगर तुम्हारे

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💝❤️ इश्क पर जोर नहीं ❤️💝 भाग 3

6 सितम्बर 2022
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आपने पिछले पार्ट में देखा की सान्वी ने अपने छोटे भैया भविष्य को डांस पार्टनर चुज करती है .....अब आगे ....क्योंकि उसका कोई लड़का दोस्त नहीं था ।वही समृद्धि एक कोने में खड़ी इन सबके बातों को सुन रही थी

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❤️💝 इश्क पर जोर नहीं💝❤️ अंतिम भाग - 5

6 सितम्बर 2022
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आप लोगों ने पिछले पार्ट देखा ,कि कैसे समृद्धि कहती है कि वो सब कुछ सह और सुन सकती है । लेकिन अपने कैरेक्टर पर लोग सवाल उठाये । ये वो बर्दास्त नही कर सकती है ।

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💝❤️इश्क पर जोर नहीं❤️💝 भाग 4

9 सितम्बर 2022
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आप लोगों ने पिछले पार्ट में देखा क्षितिज ने कैसे समृद्धि का तारीफ कर रहा था । क्षितिज - "अगर किसी की खूबसूरती की तारीफ करना गुनाह है तो मैं कुबूल करता हूं कि मैं आप के मामले में यह गुनाह

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