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जबसे छोड़ा मेरा साथ

12 दिसम्बर 2015

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चेन्नई में आई बरसात और फलस्वरूप आये बाढ़ के हालात 

अब जब स्थिति सामान्य सी होने चल पड़ी है

 पेश करता हूँ अपने मित्र के हालात जब उनसे हुई मुलाकात 

रूठ गया था उनका एक मित्र और फिर रुकी नहीं थी बरसात 


जबसे छोड़ा आपने मेरा साथ 

बंद कर दी बात 

फिर नहीं रुकी बरसात ..


पहले जब बरसात होती थी 

बेकाबू हालत होते थी 

हम आपसे विनती करते थे 

आप उनसे दुआ मांगती थी 

सच्ची दुआ की मिलती थी सौगात 

रुक जाय करती थी बरसात 


ना जाने क्या हुआ अचानक अकस्मात ?

आपने पैतरा बदला हठात 

क्या हुई मजबूरी और  क्यों बदले जज्बात ?

क्यों किया मुझपे वज्रपात ?

कोई गलत बात अगर तो होती  

ये तो थी बस प्यारी दोस्ती

मेरे मन में नहीं था कोई खोट 

क्यों दिया फिर ऐसी चोट 

ना घृणा ना यह था पाप 

क्यों मिला मुझे फिर अभिशाप ?

प्रश्न अनगिनत यु बरस रहे है 

जज्बात मेरे अब तरस रहे है 

हक़ नहीं आपसे उत्तर मांगने का ?

हिमाकत कर दी है सवाल दागने का 

मर्जी आपकी दिखाए  बेरुखी 

या खुश रहे आप हमें भी करे सुखी 

फिर दुआ हमारे लिए मांगे 

फिर रुक जायेगी बरसात 

बदल जाएंगे फिर हालात ||


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जबसे छोड़ा मेरा साथ

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जी आपने कहा कल साल  निकल  रहा है ..कुछ नया  होता है ..कुछ पुराने पीछे रह जाता है.. कुछ ख्वाहिशे दिल में रह जाती है ..कुछ बिन मांगे दिल में रह जाती है.. कुछ छोड़ कर चले गए..कुछ नए जुड़ेंगे इस सफर में कुछ मुझसे खफा है.. कुछ मुझसे बहुत खुश है ..कुछ मुझे भूल गए ..कुछ मुझे याद  करते है ..कुछ शायद अनजान है

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