मेरे एक मित्र का एक सन्देश आया आप तमाम मित्रो से भी साझा करना चाहता हूँ :साल निकल रहा है
साल निकल रहा है ..
कुछ नया होता है ..
कुछ पुराने पीछे रह जाता है..
कुछ ख्वाहिशे दिल में रह जाती है ..
कुछ बिन मांगे दिल में रह जाती है..
कुछ छोड़ कर चले गए..
कुछ नए जुड़ेंगे इस सफर में
कुछ मुझसे खफा है..
कुछ मुझसे बहुत खुश है ..
कुछ मुझे भूल गए ..
कुछ मुझे याद करते है ..
कुछ शायद अनजान है ..
कुछ बहुत परेशान है ..
कुछ को मेरा इंतज़ार है ..
कुछ को मुझे इंतज़ार है ..
कुछ सही है कुछ गलत भी है..
कोई गलती तो माफ़ कीजिये ..
और कुछ अच्छा लगे तो मुझे याद कीजिये ..
वर्ष २०१५ के अंतिम माह मंगलमय हो जी