हमारे देश के आला अधिकारी
अपने पद के गुमान से है भारी
हर छोटे बड़े काम के लिए उन्हें चाहिए अधीनस्थ कर्मचारी
आलम तो ये है की कार्य दिवस समाप्ति पर
साहब कहते है उनके ऑफिस की बिजली बत्ती भी बंद कर
बस चार स्विच दबा नहीं पाते ये मिथ्याचारी ?
हमारे देश के ये आला अधिकारी
साहब होते है सत्ताधारी
सेवक इनके सभी कर्मचारी
केवल एक ही इनका पक्ष
ना विरोध ना कोई विपक्ष
काम करे सारे विकट
राशन पानी ट्रैन और वायुयान का टिकट
तैनात हर जगह अदना कर्मचारी
सरकार के ये आला अधिकारी
आलस हो अज्ञान हो चाहे हो अभिमान
दिल में इनके लिए फिर घटता है सम्मान
संगठन के नेतृत्व और निर्णय की उनकी है जिम्मेबारी
इसके लिए चाहिए सम्यक ज्ञान और भरपूर तैयारी
कर्मठ हो कुशल हो ईमानदार हो ना हो ये व्याभिचारी
हर कदम पे ये आगे चले
ताकि चले पीछे इनके दुनिया सारी
पद की बनती है प्रतिष्ठा
जब काम करने वाले रखते है निष्ठा
ऐसा करे फिर दुनिया जाए वारीहमारे देश के आला अधिकारी
अधिकारी हो या कर्मचारी
दोनों का अपना अपना काम हैदोनों का अपना अपना सम्मान है
अपना काम करने से मिलती हैसुख संतुष्टि और आत्म सम्मान
क्यों किसी को तुच्छ समझना
क्यों बना रखा है भारत पाकिस्तान
साथ मिलके सब काम करे
रखे एक दूजे का मान होना चाहिए यह आह्वान फिर सुखमय शांतिमय होगाहर आँगन , हर संगठन
दुनिया और ज्ह्ा्न्
और फिर सबसे आगे होगा हिन्दुस्तान
ना होगी कोई मजबूरी और ना ही कोई लाचारी
जब् अधिकारी बनेंगे सही प्रभारी
और बनेंगे सचमुच आला अधिकारी