jairam singh yadav जय
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जयरमजय
भाग रहे हैं लोग --------------------- महा नगर की दौड़ धूप में भाग रहे हैंलोग क्वॉरे मौसम का पागलपन सीख रहा छलना चली हवा बदचलन यहॉ पर संभल संभल चलना स्नेहिल बन करके कपटी बम दाग रहे हैं लोग रोज़ी रोटी के जुगाड़ में गुमसुम हुआ सुआ खालीपन है बह
जयरमजय
भाग रहे हैं लोग --------------------- महा नगर की दौड़ धूप में भाग रहे हैंलोग क्वॉरे मौसम का पागलपन सीख रहा छलना चली हवा बदचलन यहॉ पर संभल संभल चलना स्नेहिल बन करके कपटी बम दाग रहे हैं लोग रोज़ी रोटी के जुगाड़ में गुमसुम हुआ सुआ खालीपन है बह