नवगीत
मित्रो प्रस्तुत है एक नवगीतसच ही बोलेंगे-------------------हम अभी तक मौन थे अब भेद खोलेंगेसच कहेंगे सच लिखेंगे सच ही बोलेंगेधर्म आडम्बर हमें कमजोर करते हैंजब छले जाते तभी हम शोर करते हैंबेंचकर घोड़े नहीं अब और सोंयेंगेमान्यताओं का यहॉ पर क्षरण होता है घुटन के वातावरण कावरण होता हैऔर कब तक आश में वि