जख्म गहरा था मगर, हमने दिखाया ही नहीउन्होने पूछा ही नही, हमने बताया ही नही|फिर जिन यादो को, भुलाने मे जीवन बितायालेकिन हमने कहाँ, यादो ने सताया ही नही|मरके भी वो कब्र मे, कब से जाग रहा हैपर जाने वाला तो कभी, लौट कर आया ही नही|इतने मशरूफ थे हम, चाहत मे तुम्हारीदुनिया ने कहाँ कि, नाम कमाया ही नही|महल