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गहरा

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जख्म गहरा था मगर, हमने दिखाया ही नहीउन्होने पूछा ही नही, हमने बताया ही नही|फिर जिन यादो को, भुलाने मे जीवन बितायालेकिन हमने कहाँ, यादो ने सताया ही नही|मरके भी वो कब्र मे, कब से जाग रहा हैपर जाने वाला तो कभी, लौट कर आया ही नही|इतने मशरूफ थे हम, चाहत मे तुम्हारीदुनिया ने कहाँ कि, नाम कमाया ही नही|महल

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