पापा, जो सायकिल के डंडे पर आगे बैठा कर चढ़ाई पर जोर लगाते थे,बाद में फिर पढ़ाई में आगेबढ़ाने में जोर लगाते थे।मौका आने पर जॉब या बिजनेस के लिए, एक बारऔर जोर लगाते थे।अच्छी सी जीवन संगिनी,तुम्हारे लिए ,समाज केफिर कई फेरे लगाते थे।नए शहर में नया घरबार ,तुम्हे बसाने के ल