हैलो दोस्तो मैं आपके लिए एक नयी कहानी लेकर
आयी हूं। आप लोग पढ़ेंगे तो आप को जरूर अच्छा
लगेगा तो एक बार जरूर पढ़े।
सुबह के 8:00 बज रहे हैं तानी नींद में सोई हुई है, शामने के घर से लाउड म्युजिक की आवाज आती है।
तानी -ये पड़ोसी भी ना इतनी सुबह इतना लाउड म्युजिक बजा रहे हैं। दूसरों के सुख दुःख से इन्हें
कोई मतलब नहीं।
तभी दरवाजे की घंटी बजती है, लगता है दूध वाला आ गया , चलूं चाय बना के ही पीलू ,"अचानक सोर से
सिर में दर्द हो रहा है।"तानी सोचती है.
नींद में ही चलते हुए दरवाजा खोलती है, आज एक किलो दूध दें देना, आज़ ऑफिस नहीं जाना है छुट्टी ली है ,तो घर में ही रहना है।दूध थोड़ा ज्यादा चाहिए।
सामने से आवाज आती है,ओ हैलो मैडम मैं आपको दूध वाला दिख रहा हूं।
"नींद में ही उसे किसी आदमी की आवाज सुनाई देती है। वो नींद से जागती है। सामने से एक खुबसूरत हैंडसम लड़का उसे घुर रहा है।
तानी- सारी सारी आप कौन मुझे लगा शायद दूध वाला है,।
हैलो मै राघव रात में ही आप के पड़ोस में आया हूं," पूने से,दर असल दी बच्चों के साथ अपने दोस्त की शादी में हैदराबाद गई है, फ्लैट की दूसरी की मेरे पास थी तो मैं यही रात में आ गया।
तानी - अच्छी बात है,पर आप ये सब मूझे क्यों बता रहे है, वैसे भी आस पड़ोस में कोन रहता है , मुझे जानकारी नहीं है।आते जाते दो छोटे बच्चे स्कूल जाते दिख जाते हैं,।
मुझे लगता है हमारी काफी जान पहचान हो गई है ,
अब मुझे तैयार हो कर आफिस भी निकल ना है। राघव को टालने के गरज से तानी ने ऐसा कहा।
राघव- ओ मैडम न्यूज नहीं देखती है। क्या पूरे देश में
इक्कीस दिन का लाक डाउन प्रधानमंत्री जी ने रात में ही ऐलान किया है। और आपको ऑफिस जाना है, मैं तो यहा आकर 21 दिन के लिए फंस गया ।
वह सब छोड़ो मैं पूछने आया था , दूध वाला अभी तक नहीं आया है क्या ,"चाय की बहुत तलब लगी है।
आया होता तो मुझे भी तो देके ही जाता ना, मैं तो आपको दूध वाला आया है समझ कर ही दरवाजा खोल रही थी। तानी कहती है।
दरअसल घर में कोई है नहीं मुझे आपसे एक बात कहनी थी जब तक दूध नहीं आता क्या आप मुझे एक ब्लैक टी पिला सकती हैं मुझे ब्लैक टी बनाना नहीं आता है राघव कहता हैं।
तानी- जान ना पहचान मैं तेरा मेहमान , मैं तो आपका नाम तक नहीं जानती हूं और आप मुझसे चाय बनाने के लिए कह रहे हैं।
राघव- कैसी बातें कर रही है, अभी तो मैंने आपको अपना नाम बताया था ना राघव ,अभी एक दूसरे को जानने के लिए इतनी जान पहचान तो काफी है ।शायद आपको पता नहीं हम आधे घंटे से दूसरे से
बातें कर रहे हैं।
तानी ओ हां आपने अपना नाम तो बताया था मुझे, शायद नींद में थी "इसलिए मुझे ध्यान नहीं रहा चलिए मैं आप के लिए चाय बनाकर आपको बुलाती हूं।
राघव- उं ,जाना कहां तब तक मैं आपके पास ही बैठ जा रहा हूं जब तक आप चाय बना के ले आती हैं , मुझे चाय की बहुत तलब लगी है । सुबह जब तक चाय ना मिले आंखें नहीं खुलती है , पर पहली बार ऐसा है
जब मैं बीना चाय पीए ही मैं उठकर घूम रहा हूं।
आप , यहां बैठेंगे , मेरे फ्लैट में ,बिल्कुल नहीं हम एक दूसरे को जानते ही कितने देर से हैं ,"आप अपने
फ्लैट में जाइए मैं चाय बनाकर डोरबेल बजाती हूं
राघव- ठीक है पर जल्दी कीजिएगा।
तानी - मैं आपको आपकी मेड नजर आ रही हूं जो आपका हुकुम मानूं। अब आप जाइए यहां से,।
राघव अपने फ्लैट में चला जाता है और बैठकर चाय का इंतजार कर रहा होता है।
तानी उठती है अदरक लौन्ग इलायची डालकर बढ़िया काढे वाली चाय बनाती हैं। एक कप अपने लिए रखी है। दूसरा राघव को देकर आती है
राघव चाय उठा कर पीता है वाह मजा आ गया इतनी टेस्टिं मसालेदार चाय मैंने अपने जीवन में पहली बार पी है । वरना तो मेड पता नहीं कैसी कैसी चाय बना कर देती है सचमुच मजा आ गया।
चाय पीकर कप लौटाने जाता है , और तानी से कहता है चाय आपने सचमुच बहुत अच्छी बनाई थी ,इसके लिए थैंक यू।
तानी थैंक्यू जैसी कोई बात नहीं है ! और कप ले लेती हैं जैसे मैं अपने लिए बनाती वैसे एक कप आपके लिए भी बना दी, कप ले के दरवाजा बंद कर लेती हैं।
राघव यह लड़की सचमुच बहुत टेढ़ी है, पहले चाय बनाने के लिए नहीं कह रही थी ? और जब थैंक यू बोलो तो कह रही है , ऐसी कोई बात नहीं कुछ समझ में नहीं आ रहा है इसको प्रॉब्लम क्या है ???जो भी हो चाय अच्छी बनी थी दिन बन गया।
तानी- नहा धोकर फ्रेश होती है सोचती है अब कुछ नाश्ता बनाऊं तभी डोरबेल फिर से बजती हैं तानी लगता है दूध वाला आ गया जाकर दरवाजा खोलती
हैं ,,सामने फिर से राघव खड़ा है।
तानी- अब क्या हुआ,
राघव- तुमने अपने लिए नाश्ता बना लिया है क्या
तानी- नहीं क्यों,
राघव - मैं कब से अपने लिए कुछ नाश्ता बनाने का ट्राई कर रहा हूं पर मुझसे कुछ बन ही नहीं रहा है नेट पे भी देख लिया पर कुछ समझ में नहीं आया ,प्लीज तुम अपने लिए नाश्ता बनाना तो मेरे लिए भी बना दोगी। प्लीज, प्लीज, प्लीज,,,,।
तानी - आप तो बिन बुलाए मेहमान की तरह गले ही पड़ गए , मैं आपकी क्या रिश्तेदार लगती हूं जो हरदम घंटी बजा रहे हैं???
राघव- देखो मार्केट खुला होता तो मैं बाहर से कुछ भी मंगा कर खा लेता , पर लॉक डाउन की वजह से बाहर कुछ भी नहीं मिल रहा है। भूख भी बहुत जोरों की लगी है यूट्यूब सर्च करके कुछ बनाना चाहा," पर सब बेकार अब तो पेट में चूहे कूद रहे हैं"। प्लीज मेरे लिए भी कुछ बना दो।
तानी - ठीक है तुम जाओ मैं नाश्ता बना कर बुलाती हूं,
राघव- वैसे बनाने क्या जा रही हो,
तानी- चिढ़कर जो भी बनाऊंगी , खाने के लिए दूंगी जरूर अब जाओ यहां से,(सोचती है किस मुसीबत से पाला पड़ गया शांती भंग हो गई है)
राघव - मैंने तो बस ऐसे ही पूछ लिया भुख बहुत ज्यादा लगी है ना।
तानी - ठीक है मैं उपमा बनाने जा रही हूं,
राघव -थोड़ा स्पाइसी बनाना , मुझे स्पाइसी बहुत पसंद है, वैसे भी कोरोना कॉल में अच्छे से मसाला खाना चाहिए ,ताकि गला खूब बढ़िया साफ रहे।
तानी - हो गया अब जाओ,
राघव - हां ठीक है जरा जल्दी बनाना।
तानी - गुस्से में दरवाजा बंद कर देती है,
तानी क्या सोच रही थी क्या हो गया आराम करूंगी, सोचा था, दिन भर लेकिन यह आज पता नहीं किसका मुंह देख कर उठी हूं ,"सुबह से पनौती पीछे पड़ गई है।"जो भी करने जाओ डोर बेल पहले ही बज जाती है ,चलती हूं कुछ बनाऊ नहीं तो अभी फिर से आ जाएगा खाने के लिए , और जाकर उपमा बनाने लगती हैं।
उपमा बनाकर दो प्लेट में तैयार करती है, एक प्लेट राघव को देकर आती हैं, दूसरा खुद खाने के लिए बैठती है। नाश्ते के साथ साथ कंप्यूटर पर मेल चेक करने लगती है,। एक दो मेल का जवाब देती है।
और प्लेट उठाकर किचन में आ जाती हैं।
प्लेट को किचन में साफ करके रखती है ,और खुद बालकनी में आ जाती है आज सुबह से जब से उठी हूं एक बार भी बालकनी में नहीं आई राघव ने सुबह से इतना परेशान कर दिया था कि समय ही नहीं मिला की बालकनी में आए।
बालकनी में आकर देखती है हर तरफ सन्नाटा पसरा है। पूरी सोसायटी सन्नाटे में है,कही कही से एक दो बार चीडींयो के चहचहाने की आवाज आ रहीं है,
दिल्ली शहर जहां रात में भी लोग नहीं सोते वहां दीन
में इतना सन्नाटा पहली बार दिख रहा है।
बाहर इतनी शांति देख कर किसी अनहोनी की आशंकाओं से दिल डर था रहा है। इससे अच्छा तो
अन्दर ही हैं।
तानी अन्दर आती है, तभी डोर बेल फिर से बजती है
(ओह गॉड अब फिर से नहीं अब झेलने की क्षमता खत्म हो गई है,) जाकर दरवाजा खोलती है,
मैडम जी आज़ दूध लाने में थोड़ा देर हो गई,लाक डाउन के चक्कर में डर डर कर घर से निकले हैं।दूध
वाला कहता है।
तानी- कोई बात नहीं भैया, सामने वाले हैं उनको भी दुध चाहिए तो उनकी भी घंटी बजा दिजिए।
घंटी बजते ही राघव उठकर आता है देखता है, सामने दूधवाला दूध लेकर खड़ा है । एक पैकेट दूध लेकर जैसे मुड़ता है उसे तानी दिखाई देती है। हैलो मिस
दूध वाले को बताने के लिए थैंक्स।
तानी - ऐसी कोई बात नहीं है, आप ने कहा था दूध के
लिए तो मुझे याद था।
राघव- मुझे आप से कुछ कह ना था।
तानी -हा बोलिए,।
राघव-वो कह रहा था। आप अपने लिए लंच तैयार
कर रही है तो मेरे लिए भी बना देना।
तानी- मुझे पता था। तुम जब भी मुंह खोलोगे, खाने के
बारे में ही बोलोगे।
क्रमशः...........।