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जिंदगी की कश्मकश -4

23 अक्टूबर 2021

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तुम ने सीवन्या को बताया की नहीं,सुरज कहता है अभी नहीं

तुने उसे अपने रिसेप्शन में बुलाया है कि नहीं
निखिल कहता है।
हां बुलाया है। मम्मा के कहने पर उन्हें मेरे और सिवी के रिलेशन के बारे में कुछ नहीं पता।


अब आगे-


थोड़ी ही देर में पार्टी में रंग ज़माने लगे,,, सुरज के दोस्त।
तभी सामने से नेट का सफेद अनारकली सुट पहने उस पर मैचिंग दुपट्टा हल्की कलर की लिपस्टिक माथे पर सफेद नग की छोटी बिन्दी, हाथों में सफेद कांच की चुंडिया कानों में सफेद नग से जडे ईयरिंग
और अपने लम्बे बालों को एक साइड करके उसमें मैचिंग बैंड लगाए हुए एक लड़की  इन्टर करतीं हैं।सब की नजर उधर ही है।ऐसा लगता है। स्वर्ग से मेनका  अपने विश्वामित्र को रिझाने आई है‌।

आकर सुरज की मम्मी से मिलती है हैलो आन्टी कैसी है आप।
हम तों ठिक है पर तुमने बड़ी देर कर दी।सुरज की मम्मी कहती हैं।
लड़की- सारी आन्टी थोड़ी देर हो गई।
आन्टी- सुरज और उसकी पत्नी से मिलीं ।
लड़की- अभी नहीं सोचा पहले आप से मिल लूं ,
नहीं तो बाद में बातों में शायद आप से मिलना भुल जाऊं।
आन्टी - अच्छा किया , ठीक है अब जाओ अपने 
दोस्तों से मिल लो वो भी तुम्हारा वेट कर रहें हैं। लड़की - जी आन्टी,
कह कर लड़की सुरज , तान्या जहां बैठे हैं वहां चलीं जाती है।

लड़की - हैलो सुरज।
सुरज- (जो की अपने दोस्तों से बाते कर रहा था, आवाज की दीशा में मुड़ते हुए) है,,लो,,,लो , सि,,,व,,, न्या,,।( चेहरा देखकर शरीर में मानो कप कपी दौड़
जाती है।सिवन्या खड़ी थी सुरज के सामने एक दम नए अवतार में इससे पहले कभी किसी ने सिवन्या को  इस रुप में नहीं देखा था।
आज सचमुच सिवन्या बहुत खुबसूरत लग रही है।
निखिल- वाव सिवी बहुत खुबसूरत  लग रही हो।
बिल्कुल देशी लुक!!!!!

सिवी - तुमने मेरे जिस लुक की तारीफ की है, उसका
उल्टा समझो तो तारीफ नहीं करोगे।
निखिल- मैं कुछ समझा नहीं?????
सिवी-  बाद में समझा उगी !!!!! अभी वक़्त नहीं है।

निखील- सूरज कुछ समझ में नहीं आ रहा, लगता नहीं कि इसे तुम्हारी शादी से कोई प्राब्लम है।

सुरज - मुझे तो ये तुफान आने के पहले की शांति लगती है। वो किसी बात पर इतना सिम्पल रिएक्ट 
दें। मतलब कुछ अलग ही खिचड़ी उसके दिमाग में पक रही है।
सुरज के सारे दोस्त डांस कर रहे हैं तो ,सुरज ओर तान्या को भी डांस फ्लोर पर खिंच ले जाते हैं।सुरज
एक दो स्टेप करके साईड में जाकर खड़ा हो जाता है तान्या फार्मेलटी के लिए थोड़ी देर सबके बीच में खड़ी
रहती है।
सुरज सबको डांस में बीजी देखकर सोचता है, जाके सिवी से बात कर लें , तभी उसका दोस्त विपिन आ जाता है।
विपिन- सभी डांस कर रहे हैं ।तू यहां खड़ा क्या कर रहा है।
सुरज- मैं सोच रहा था , एक बार सिवी से बात कर ना चाहता हूं। ताकि उसे कोई ग़लत फहमी ना हो जाए।

विपिन- तु पागल हो गया है, वो तो बस एक मौका चाहतीं हैं, बखेड़ा खड़ा करने का और तू आ बैल मुझे मार वाला काम करना चाहता है।चल मेरे साथ आज़ कुछ मत सोच कल जो होगा देखा जायेगा। और सुरज को लेकर फिर से डांस फ्लोर पर आ जाता है।

रात के दो बजे तक सभी डांस कर ते रहते हैं , फिर धीरे-धीरे सब विदा लेकर अपने घर चले जाते हैं।

तान्या कमरे में आकर पार्टी वाले कपड़े चेंज करतीं हैं और आकर बालकनी में खड़ी होती है।दीन भर की थकान के बाद ये फ्रेश हवा उसे बहुत सुकुन दे रही थीं। थोड़ी देर वहां खड़े खड़े उसे निंद आने लगती है वो अपने कमरे में आकर सो जाती है।

इधर सुरज सबको विंदा कर अपने कमरे की तरफ बढता  है। फिर उसे याद आता है कि कमरे में तो तान्या सो रही है,वह कमरे में ना जा कर छत पर चला जाता है। छत पर पड़े झूले पर बैठ कर सोचता है मैं तान्या  को सीवी के बारे में कैसे बताएं, मुझे पहले ही
तान्या को सब कुछ बता देना चाहिए था, शायद सच्चाई जानकर वह मुझसे शादी ही नहीं करती।
पर अब तो सब ग़लत हो गया।

अब तो ना मैं तान्या को छोड़ सकता हूं। और ना ही सिवन्या को छोड़ सकता हूं। एक दम से जिंदगी उलझ गयी है, यहीं सब सोचते सोचते उसकी आंख लग जाती है। वह झुले पर ही सो जाती है सुबह जब उठता है तो सुबह के आठ बज रहे थे,सुरज की रौशनी उसके ऊपर पड़ रही है। बहुत दिनों बाद इस खुलें आसमान के नीचे होकर उसे सुकुन मिल रहा है।

सुरज छत से नीचे उतर कर आता है, अपने कमरे में आता है तो इधर उधर देखता है तान्या कहीं दिखाई नहीं दे रही। वो जाकर फ्रेश हो कर आता हैं। तो मम्मा-पापा हाल में बैठ थे, आज तान्या की पहली रसोई है, आज का नाश्ता वही तैयार कर रही हैं।
तान्या नौकरो से पुछती है, कि नाश्ते में क्या बनाएं।

नौकर कहता है मैम आप कुछ मिठा बना लिजिए बाकी नाश्ता हम तैयार कर लेंगे।
तान्या-आप तो रोज बनाते हैं आज मुझे बनाने दिजिए बस इतना बता दीजिए  किसको कैसा नाश्ता पसंद है,
नौकर के बताने पर सबके पसंद का नाश्ता तैयार करतीं हैं। और मीठे में मखाने की खीर बनाती है।

डाइनिंग टेबल पर  लाकर नौकर नाश्ता लगाता है, तान्या अपने रूम में जाकर फ्रेश होकर नीचे आती
है,तब तक सुरज नाश्ता करके बाहर चला गया था तान्या आकर बैठती है तो सभी नाश्ता सुरू करते हैं।

तान्या पुछती है, कि सुरज कहा चले गए आन्टी जी।

सुरज की मम्मी बेटा सुरज को कुछ काम था, उसे जल्दी जाना था तो वो नाश्ता करके निकल गया और ये क्या तुम मुझे आन्टी कह रही हो, अरे जैसे सुरज हमें मम्मा पापा कहता है वैसे ही तुम भी हमें मम्मा पापा कहो अब से हम भी तुम्हारे मम्मा-पापा हैं।

तान्या- जी आन,,, मम्मा सारी, वो मुंह से निकल गया
अब से ऐसा नहीं होगा।
संध्या जी- बेटा नाश्ता तो आपने बहुत अच्छा बनाया है, लेकिन आप इन सब चक्कर में मत पड़िए गा आज रस्म थी तो हमने कुछ नहीं कहा, नौकर खाना बना लेगे आप टेंशन फ्री रहीए। फिर एक बहुत ही खुबसूरत डायमंड  नेकलेस तान्या को देती है।ये लो तुम्हारी पहली रसोई का शगुन।

भास्कर जी भी तान्या को शगुन देते हैं।

तान्या- शगुन लेकर दोनों के पैर छुती है।
इधर सुरज निखिल को लेकर सिवन्या से मिलने आता
है।
सुरज - सिवी इस शादी के बारे में मुझे कुछ पता नहीं था। पापा ने अचानक से सबकुछ किया, सोचने समझने का मौका ही नहीं मिला।


क्रमशः..............।
Anita Singh

Anita Singh

अच्छा

28 दिसम्बर 2021

Jyoti

Jyoti

बहुत खूब

21 दिसम्बर 2021

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जिंदगी की कश्मकश
5.0
एक ऐसी प्रेम कहानी जो एक लॉक डाउन से शुरू हुई है और दूसरे लॉक डाउन में खत्म हुई है।।।
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