कभी कभी दोनों से मिलने चलीं जाती हूं उन्हें नहीं पता कि मैंने उन दोनों के झगड़े सुन लिए थे।
अब आगे -
तान्या- काफी देर हो गई अब हमें नीचे चलना चाहिए। जिंदगी में दुखों के पन्ने खुलने लगे तो उसका कभी अंत ही नहीं है ।
"चौथा लाक डाउन भी खत्म होने वाला है अब देखिए सरकार क्या करती हैं अब तो शायद खत्म हो जाना चाहिए , क्योंकि अब केस भी कम आने लगे हैं।
राघव- हां अबतक सरकार के तरफ से भी कोई गाइडलाइन सामने नहीं आई।
तान्या - हों सकता है एक दो दिन में फाइनल कर दे।
और फिर दोनों नीचे आ जाते है, तान्या खाना बनाती हैं राघव को भी देकर आती है । खुद भी खा कर सो जाती हैं। 2 दिन बाद घोषणा होती है की ऑफिस वगैरह अपने 25 परसेंट वर्करों के साथ खोले जा सकते हैं, मास्क और सैनिटाइजर साथ में कंपलसरी है बिना मास्क लगाए कोई निकला दिखा तो उसे हर्जाना चुकाना होगा।
राघव सुनता है तो बहुत खुश होता है और आकर तानी को बताता है कि 2 दिन बाद लांक डाउन खुल जाएगा अब उसे कोई दिक्कत नहीं है 2 दिन बाद ही वह अपने फ्लैट में चला जाएगा और ट्रांसपोर्ट आने जाने लगे हैं तो सारा सामान भी मंगवा लेंगा।
राघव - थैंक्स टू यू इस लाक डाउन में मेरी इतनी मदद करने के लिए, नहीं तो बिना खाए पिए मैं कैसे रहता ???
तानी- थैंक्स तो मुझे भी आपको कहना है इतने लंबे लॉकडाउन में अकेले रहती तो बोर हो जाती आपकी वजह से मेरी इतनी ज्यादा हेल्प हुई है।
राघव- चलिए हम दोनों एक दूसरे के काम आए इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है बेस्ट ऑफ लक कल से ऑफिस खुलने वाले हैं पर मास्क सैनिटाइजर का ध्यान रखिएगा।
तान्या - जी बिल्कुल अब तो मास्क और सैनिटाइजर कंपलसरी भी हो गया है तो ध्यान तो रखना ही पड़ेगा।
राघव तान्या से विदा लेता है और अपने फ्लैट में चला जाता है।
सबके ऑफिस से गाइडलाइन आनी शुरू हो जाती है किसको किस शेड्यूल में कौन से दिन ऑफिस आना है।
राघव बॉस है तो उसे अपने ऑफिस रोज रोज आना होता है, बाकी रोज 25 परसेंट एंप्लॉयर्स को ही आना होता है तो हर 4 दिन के बाद दुबारा पहले 25 परसेंट एंप्लॉयर को आना होता है।
तान्या के भी ऑफिस खुल गए हैं उसको दूसरे दिन ऑफिस जाना रहता है , इतने दिनों से ऑफिस बंद होने की वजह से घर में रहते रहते घुटन होने लगती हैं। आज ऑफिस जाना है यह सोचकर ही तान्या सुबह जल्दी उठ जाती है, जल्दी-जल्दी अपने लिए कॉफी बनाती है पीकर फ्रेश हो जाती है ।
आज कितने दिनों के बाद घर से बाहर निकलना है पर उससे ज्यादा सावधानी का ध्यान रखना होगा कहीं किसी कोरोना संक्रमित से सामना ना हो जाए। तान्या सोचती है।
तान्या तैयार होती है मास्क लगाती है सेनेटाइजर साथ में रखती है , स्कूटी स्टार्ट करती हैं ,और ऑफिस के लिए निकल जाती है ऑफिस में बहुत कम लोग ही आए रहते हैं तभी उसे अंजलि मिलती है जो उसके ऑफिस में उसके साथ ही काम करती हैं।
अंजलि- हाय तानिया कैसी हो,,,
तान्या- मैं बिल्कुल ठीक हूं और तुम अपना बताओ???
अंजलि - ठीक ही हूं इतने दिनों बाद ऑफिस आ कर थोड़ा अच्छा लग रहा है। घर पर बैठे-बैठे एकदम बोर हो गयी थी , तान्या जानती हो हमारे ऑफिस में एक नये बॉस आए हैं सुना है बहुत खड़ूस है।
तान्या- क्या, एक तो इतने दिनों के बाद ऑफिस खुला ऊपर से नया बास का तोहफा उससे भी ऊपर कि वह एक नंबर का खड़ूस है। हे भगवान देखो क्या करता है।
अंजलि- वैसे पुराने बांस कितने अच्छे थे ना। उम्र दराज तो थे ही सुना है उनकी बार-बार तबीयत खराब होने लगी थी , इसलिए उन्होंने अपने जगह पर नए आदमी को बास बनाकर भेजा है।
किसी संक्रमित से करोना का बैक्टीरिया बॉस के ऑफिस में ना आ जाए इसलिए बॉस का केवीन सीसे से कवर किया जाता है जिसे भी बास से बात करनी होती है , वह बॉस से केबिन के बाहर से ही बात कर सकता हैं , और ऑफिस में कोई भी अपना मास्क नहीं हटा सकता, परमानेंट मास्क अपने चेहरे पर लगाए रखना है। अगर आफिस में मास्क कोई हटाता है तो उसे फाइन देना पड़ेगा। ऐसी बहुत सारी गाइडलाइन ऑफिस में बनाई जाती है।
नए बास के आने के बाद आमतौर पर बांस और कर्मचारियों का एक दूसरे से परिचय कराया जाता है
पर कोरोनावायरस के कारण सब कैंसिल कर दिया गया है ।
थोड़ा ही सही पर अब आफिस में काम सूरू हो गया है
सभी अपने घरों से निकल कर ख़ुश हैं। हालांकि करोना अभी खत्म नहीं हुआ है। लेकिन कबतक इन्तजार करते कहीं न कहीं से शुरू तो करना ही था।
इधर राघव भी अपने फ्लैट मे शिफ्ट हो चुका है।और आफिस भी ज्वाइन कर चुका है, एक मेड है जो उसके लिए खाना बनाकर फ्रिंज में रख कर चलीं जाया करती है।
कोरोना के चलते आफिस भी जल्दी ही बन्द हो जाया करते हैं। तो राघव भी जल्दी ही घर आ जाया करता है।
कुछ देर बैठ कर बालकनी में अपनी पसंद का म्यूजिक
सुनता है,साथ में काफी भी बनाकर लाता है। और पीता है उसे सब कुछ सूना सूना सा लगता है ।
(सोचता है शायद इतने दिनों तक तान्या के साथ रहने की आदत हो गई है इसलिए थोड़ा बूरा फील हो रहा है)
बैठे बैठे सोचता है चलों आफिस का पेंडिंग काम ही निपटा लेता हूं।काम करते करते रात ज्यादा हो गई है,
राघव को भूख भी लगी है , लेपटॉप बन्द करता है। खाना फ्रिंज से निकाल कर अवन में गर्म होने के लिए रखता है। फ्रेश होकर आता है। प्लेट में खाना सर्व करता है, एक दो बाइट मुंह में लेता है,पर खाना अच्छा नहीं लगता है।
उसे तान्या के हाथों से बने गर्म और स्वादिष्ट खाने की
याद आ जाती है। प्लेट उठाकर किचन में रख देता है।
और तान्या के बारे में सोचने लगता है। इतनी छोटी सी
उम्र में उसने कितना कुछ सहा है पता नहीं विचारी लड़की ने कितने दुख सहे होंगे यही सब सोचते सोचते सो जाता हैं।
सुबह उठता है, तैयार हो कर आफिस निकल जाता है।
इधर तान्या को भी आज ऑफिस जाना है।हर चार दिन बाद उसे आफिस जाना होता है। जल्दी उठती हैं नास्ते में ब्रेड मक्खन लेती है। एक कप बढ़िया मसाले वाली चाय बनाती है।पी कर आफिस निकल जाती है।
आफिस में अंजलि तान्या का ही इंतजार कर रही है।
अंजलि- हाय तानी कैसी हो,,,
तानी- मैं ठीक नहीं हूं , ,,,,,,,,पता है आफिस में जो नया बास आया है बड़ा ही हैंडसम है यार ,,, आज जब लिफ्ट में आ रही थी , तो बास पहले से लिफ्ट में खडे़ थे। चेहरा तो मास्क से ढका था पर इतना हैंडसम है, कि मैं तो उसे देखकर ही फ्लैट हो गई।
यार जिस आफिस में इतना हैंडसम बास हो वहां काम करने में कहा मन लगेगा। वैसे तुम्हें नहीं लगता कि जैसे मैं उसपर फ्लैट हुई वैसे वो भी मुझ पर फ़िदा हो गया होगा।
तानी - भला मैं दूसरे के दिल की बात कैसे बता सकती हूं,, वैसे तुम थोड़ा दूर से बात करो वरना गाइड लाइन नहीं फालो करने के चक्कर में हम दोनों आफिस से निकाले जाएंगे समझी।
अंजलि- ये कोरोना भी ना एक दूसरे से ढंग से बात भी नहीं करने दे रहा हैं । जब देखो दो गज दूरी मास्क सेनेटाइजर बगैरा बगैरा सुन सुनकर दिमाग खराब हो गया है।
अच्छा सुन ना तुझे अपने नए वास का नाम पता है, "राघवेंद्र प्रताप सिंह (सिसोदिया,), बड़ा इंटरेस्टिंग नाम है ना ?????
तानी - इसमें इंटरेस्टिंग क्या है नाम तो नाम है???
हर किसी का कुछ ना कुछ नाम होता है,तो उनका भी नाम है।
अंजलि - तू बड़ी ही बोरिंग है यार ,सारे एक्शाइटमेन्ट का कबाड़ा कर देती है, अच्छा सुन ना!!!!!
तानी - हां बोल मैं तेरी बातें ही सुन रही हूं।काम मैं इधर कर रही हूं पर कान तेरी ही तरफ है ( कम्प्यूटर पर काम करते हुए कहती हैं )
अंजलि - यार उसके जैसा हैंडसम लड़का तेरी दोस्त का पति बन जाएं ना तो समझो लाइफ सेट है।
तानी- (अपना काम निपटा ते हुए ) तुम्हें नहीं लगता तूमने देर कर दी, तुझे लिफ्ट में ही बास को प्रपोज कर देना, चाहिए था।
अंजलि- हा यार ये बात तो तूं सही,,,,,। तूं मेरी टांग खिंचाई कर रही है। मैं तूझे अपना दोस्त समझ कर अपनी फिलिंग बताती हूं,और तुम मेरा ही मजाक
उड़ा रहीं हों।
तानी- अच्छा ये बता अबतक कितने लोगों के लिए तेरे दिल में फिलिंग जागी है। यही कोई बीस तीस लोगों के लिए तो जागी ही होगी??? अब बता तू किसके लिए सिरियस हुई है।
अंजलि- अरे वो सब छोड़ वो सब टाइम पास थे ,पर अबकी बार सच में ही। सीरियस हूं।
तानी - चल अच्छा है कभी तो किसी के लिए तू सीरियस हूई तेरे लिए बेस्ट ऑफ लक।
अंजलि - हां इस की मुझे बहुत जरूरत है।
शाम के 5:00 बज रहे थे ऑफिस में छुट्टी होने वाली है तानी अंजलि को बाय कहती हैं , चल फिर मिलेंगे 4 दिन बाद तब तक के लिए बाय बाय।
क्रमशः........।