हुल्लड़ के दोहे
(1) कर्जा देता मित्र को, वो मूरख कहलाय
महामूर्ख वो यार है, जो पैसा लौटाए
(2) जुर्म बिना के पिटेगा, समझाया था तोय
पंगा लेकर पुलिस से, बचा न साबुत कोय
(3) गुरु पुलिस दोउ खड़े, काके लगो पाय
तभी गुरु के पुलिस ने, पाँव दिये तुड़वाय
(4) पूर्ण सफलता के लिए, दो चीजें रख याद
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