shabd-logo

कहाँ बेच पायेगा

22 फरवरी 2017

58 बार देखा गया 58

कहाँ बेच पायेगा वो अपनी क़िस्मत,
शहर तो महँगाई का ढोंग लिए बेठा है....

कैसे मिल पायेगी उसको रोटी,
गली में हर कोई रमज़ान किए बेठा है....

~डॉ. प्रकाश चौधरी

डॉ.प्रकाश चौधरी की अन्य किताबें

1

फूल की नसीहत...

22 फरवरी 2017
0
0
0

खुवाइशे तो देख मेरी तू ....अंजाम तय है फिर भी खिलने की तमन्ना रखता हूँ। खिलता हु कांटो के दामन में...फिर भी दिलो को जोड़ने की आरज़ू रखता हूँ। छोटी है सांसो की गिनती...लेकिन डोली से जनाजे तक अहमियत में खास रखता हु। तोड़ लेता है हर कोई बेगाना कलियो से,फिर भी उसके मुकमल को

2

कहाँ बेच पायेगा

22 फरवरी 2017
0
1
0

कहाँ बेच पायेगा वो अपनी क़िस्मत,शहर तो महँगाई का ढोंग लिए बेठा है....कैसे मिल पायेगी उसको रोटी,गली में हर कोई रमज़ान किए बेठा है....~डॉ. प्रकाश चौधरी

3

वादों का लोकतंत्र....

1 मार्च 2017
0
0
0

4

सादगी ही दूर तक जायेगी... वर्ना चिड़िया लौट के घर ना आएगी....

1 मार्च 2017
0
1
0

इतना भी उजला- उन्नत ना बनाये शहर को,की हक़ीक़त के जुगनू भी टीम-टीमा ना सके.....~ डॉ. प्रकाश चौधरी

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए