एक अरसा हुआ,
उनसे मिले हुए,
उनकी आवाज की खनक सुने हुए,
और वो कहते हैं कि कल ही की तो बात है .....
एक अरसा हुआ,
उनकी पाजेब की रुनझुन में झूमे हुए,
बातों-बातों में प्यारे हाथों की थपकी खाए हुआ,
गाहे-बगाहे (काँधे पे) प्यार की धौल खाए हुए,
और वो कहते हैं कि कल ही की तो बात है .....
याद है तुमको ?
कितना वक़्त लगा करता था मुझको,
दिल की बात जुबाँ तक लाने में,
खुद तो तुम तक लाने में |
और याद है तुमको वो लुका छिपी के खेल,
जिसमे मैं हरदम ही हारा करता था,
सिर्फ एक झलक पाने तो तेरी,
मैं मीलों भागा करता था |
और तुम कहती हो कि कल ही की तो बात है .....