धनवान को काँटा चुभने की खबर सारे शहर में फैलती है। निर्धन को साँप भी काटे तो भी कोई खबर नहीं बनती है।। गरीब की जवानी और पौष की चांदनी बेकार जाती है। आसमान से बला उतरी तो वह गरीब का घर पूछती ह
सोच बदलो।रोज़ रोज के शिसकने से अच्छा, एक दिन जी भर कर रो ले।सरकार की नीयत में खोट से, बेरोजगारी को निःसंकोच झेल ले।धरना प्रदर्शन को कोरोना वायरस ने, मूली की तरह निगल लिया।लोकडाउन भी अब, अनलॉक डाऊन में सरकार ने बदल दिया।एडमिशन पेपरों को लेकर, सरकार अड़ गई, विद्यार्थियों ने पहचान लिया।नई शिक्षा नीति के
अभी कुछ ही दिन पहले भारत भर में वट सावित्री का पर्व बड़े ही भक्ति व श्रद्धा के साथ मनाया गया जिसमें सुहागन माता व बहनें वटवृक्ष (Banyan Tree) की विधिवत पूजा करती है तथा अपने सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं यह तो हुआ धार्मिक व सांस्कृतिक दृष्टिकोण लेकिन आजकल की नई पीढ़ी