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कौन नहीं है रावण

6 अगस्त 2022

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है कहे कौन रावण है मरा

कौन जो रावण नहीं बना,

स्तय-विलीन हो गए स्वप्न

विष बाण को किसने नहीं सहा।


मुझमें भी रावण छुपा कहीं 

कहीं बसी लंका ज्वलीन, 

आडम्ब में ठिठका राग छल

है भय में तिरोहित स्वप्न नवीन।।

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कभी-कभी हाथों में शब्द कम पड़ जाते हैं इसका यह मतलब नहीं कि मुझ में बातों की कमी है। कहा जाता है कि जो लोग खुद से जुड़े रहते हैं। उनमें कई नई-नई कहानियां उमड़ती है। वह सोचते हैं, समझते हैं, अपनी बात दूर तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हम चाहते हैं बहुत कुछ मगर हमारी चाहत कुछ देर के लिए हमसे दूर हो जाती है। उसको हम मनाने की भी कोशिश करते हैं, उस को समझाते हैं, उसे पास बुलाते हैं मगर कुछ ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जिस वजह से नई चीज को समझना उस दिल और दिमाग के लिए मुश्किल हो जाता है। बता दूँ कि हम सभी के जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं घटित होती हैं जो एक जैसी लगती है। दिल टूटना, दिल लगाना, सफलता, असफलता यह सब एक जैसे से लगते हैं। जो मैं लिख रहा हूं वही 'मैं' हूं और आप हैं.

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