सूनी साँझ
बहुत दिनों में आज मिली हैसाँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम।पेड़ खड़े फैलाए बाँहेंलौट रहे घर को चरवाहेयह गोधुली, साथ नहीं हो तुम,बहुत दिनों में आज मिली हैसाँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम।कुलबुल कुलबुल नीड़-नीड़ मेंचहचह चहचह मीड़-मीड़ मेंधुन अलबेली, साथ नहीं हो तुम,बहुत दिनों में आज मिली हैसाँझ अकेली, साथ नहीं हो