खामोशी
अंदर बहुत बवाल होता है बोलने को बहुत मन करता है कुछ कहें पर किसी को दुःख न लगे इस कारण से जीभ ख़ामोश रहता है खामोशी भी एक कला है जो ख़ामोश रहना सीख गया उसका जीवन पार हो गया खामोशी बोलने से भी बड़ा काम है बोलने में दिमाग की जरूरत होती है किन्तु चुप रहने के लिए दिमाग और दिल की भी जरूरत होती है एक इन्सान को हमेशा विवाद से दूर रहना है तो ख़ामोश की कला सीखना होगा इससे घर परिवार में शांति बनी रहती है खामोशी हर जगह काम आने वाली दिब्याश्त्र है जिसे हमें सम्हाल कर रखना है