कोई तो है हमको अपना सा लगता है,
लेकिन फिर सच भी सपना सा लगता है।
यूँ तो दिल की गहराई में तुम बसते हो,
क्यों सौ बार तुम्हें छूने को दिल करता है।
कहने को कुछ भी शेष नहीं पर हलचल है,
जीने की ख्वाहिश है मरने को दिल करता है।
मैं बूंद-बूंद प्यासा सागर,आचमन करूँ,
भावों के गंगाजल पीने को मन करता है।
तुम मधुर-मधुर तृष्णा बनकर सामने खड़े,
मधुकर बनकर मधु पाने को दिल करता है।
मेरे प्रश्नों का उत्तर दो या प्रश्न करो तुम,
ऊँचे स्वर में फिर गाने को जी करता है।
शब्दों में आभार तुम्हारा अभिनन्दन करता,
बहुत प्रेम है तुमसे कह देने को दिल करता है ।