18 मई 2024
2 फ़ॉलोअर्स
Author, Lyricist, Screenwriter, Editor & Director.D
मात मोरबी पिता घटोत्कच, बर्बरीक है जिसका नाम... ! सिर खाटू में धड़ हिसार में, वो हैं मेरे खाटू श्याम... !! हारे का सहारा, खाटू श्याम अति बलशाली, खाटू श्याम भीम पौत्र हैं, खाटू श्याम बीर-बहा
तसव्वुर से तुम्हें खींच करक़लम, हक़ीक़त केवरक़ पर उतारने ही चला था कि यक-ब-यक तुम रूबरू आ गएठिठक गई क़लम पलकें झपकना भूल गई क्या लिखतातुम्हारी तारीफ़ में दु
राज सारा का सारा छुपाती रही, पर तेरे प्यार को मैं निभाती रहीहौसला मेरा इतना जो मज़बूत था, आँधियों में मैं दीपक जलाती रहीनए रंग ख्वाबों में भरती रही,बिन रुके मैं हदों से गुजरती रहीहुए ज़र्द पत्
मैं अधूरा पड़ा संकलन की तरह,मैं तुम्हें गुनगुना लूँ ग़ज़ल की तरह,तुम मुझे खुल के गाना भजन की तरह।तुम बनो राधिका तो तुम्हारी कसम,कृष्ण-सा कोई वादा करूँगा नहीं,जानकी बन के आओ अगर घर मेरे,राम जैसा इरादा
सोलहो श्रृंगार करके राधा गई पनघट पर,सज-धज, बन-ठन कर सखियां भी आ गईं।मीठी तान बांसुरी की टेर दियो कान्हा ने, मंत्रमुग्ध होकर सारी ग्वालन हरषा गईं।नीले नीले अंबर में मेघ भी गरजन लागे,रिमझिम कर 
राम नाम जपने वाला, वैकुण्ठ में जगह बनाता है !श्याम-श्याम कहने वाला, जग को वैकुण्ठ बनाता है !!दोनों विष्णु के अवतार एक हैं राम एक गोपाल...2जनकनन्दिनी जपने वाला,दुःख को दूर भगाता है !नवलक
जय माता की जय माता कीजय माता की बोलो.....2पहले जम्मू चलो फिर कटरा चलो...दर्शन करो माँ के दर्शन करो...माँ के दीदार से अपना दामन भरो...दर्शन करो माँ के दर्शन करो...जय माता की जय माता कीजय मा
होली गीत रंग लो जी अपने ही रंग में सनम आया होली का त्योहार...रंग लूँगा सत रंगी रंग में सनम आया रंगों का त्योहार...लाल रंग, नीला रंग, हरा पिचकरियातन भीगे, मन भीगे, भीगे है चुनरिया फ
राधा - राधा जपने वाला,कृष्ण को बहुत ही भाता है !माधव माधव कहने वाला,धर्म - ध्वजा लहराता है !!दोनों भक्ति के पर्याय,राधा शक्ति कृष्ण अध्याय...भगवत गीता पढ़ने वाला,जीवन सफल बनाता है !कृष्ण कथा लिखने वाल
आओ चलें दशरथ के द्वार श्री राम जय जय राम बोलोभ्रमण करो जी अवध दरबार जय जय जय सियाराम बोलो दर्शन की अभिलाषा लेकर जाना है...राम के चरणों मे ये शीश झुकाना है...मिलने को ये दिल है
जन जन की है यही पुकार अब की बार चार सौ पार सब मिलकर संकल्प उठाएँ लाएँ फिर मोदी सरकारअब की बार चार सौ पार...विश्व पटल पर भारत माता का सम्मान बढ़ाया हैजिसने बरसो बाद राम का मंदिर भव्य बनवाया है&nbs
फूल क्यूँ सारे खिलके महकने लगे आज भँवरों के दिल भी धड़कने लगेदिल की खिड़की खुली मिल गई लो नजर आज मालुम हुआ आपका है ये घर प्यार का रंग चढ़ता उतरता रहा नूर चेहरे का उनके निखरता रहा&nbs
दिल जो न कह सका...जगमग करता एक दीप इस मंदिर मे जलता हैये दिल शमां है जलता है बुझता है पिघलता हैदिल जो न कह सका ये दिल जो न कह सकातेरी बाहों में जो गुजरीं वो रातें याद आती हैसुनेंगे अब न हम जिनको वो बा
प्यार की अर्थी (व्यथा की तेरहवीं)01/- तुमने तो व्यथा कही अपनी, इक बात मुझे भी कहनी थी... !दिल झूम - झूम के गाता था,तुम ही तो घर की घरनी थी... !! 02/-जीवन के उस अवधि तलक,&nb
बोलो बोलो मेरी बस्ती का समां कैसा है !धुंधलका सुबह का शामों का धुआँ कैसा है !!खेत खलिहान कुएँ बाग़ बता कैसे हैं !फ़सले गुल कैसी है अंदाज़े सबा कैसे हैं !!जिनकी आवाज़ पे सर झुकते हम लोगों के !वो जाने ज
खून पसीना बहा के अपने पुरखों ने ही सींचा है !इसकी शान बढ़ाते जाना भारत एक बगीचा है !!भारत एक बगीचा है, भारत एक बगीचा है... !!नफरत से नफरत है हमको प्यार हमारी भाषा है !आपस मे मिलजुल के रहना ज
मै जनम जनम तुझे चाहूँगा,मेरा जीवन यूँ ही कट जाये !मेरा प्यार नहीं है चाँद सनम,जो पूरा होकर घट जाये... !!चाँद कहते हुए डरता हूँ तेरे चेहरे कोमै तेरे रूप को घटते हुए कैसे देखूँरोशनी बनके रहा है जो मेरी
भय हूँ शोषण का राह का बाधक हूँ मैहथियार बंद क्रांति की एक पुस्तक हूँ मै...नींद करता हराम उनकी जो सबका शोषण करतेरात दिन उनके दिल दिमागका दस्तक हूँ मै...मै जब उठता हूँ तो आसमान उठा ल
मुझे रास्ता दो भाई...1/- बैसाखी मेरी काठी,मै चल नहीं सकता !इस भीड़ को हटाओ,मुझे रास्ता दो भाई !!2/-ये हलचल ये शोरगुल,बिगड़ा हुआ माहौल है !मुश्किल है घर को जाना,मुझे रास्ता दो भाई !!3/-आँखें है बम
ना आसमां हूँ ना मैं ज़मीं हूँ मोड़ पे लाया हुआ आदमी हूँन कोई मेरा है ना मै किसी कापानी हूँ मै बस बहती नदी कामुरझाई नयनों की मै नमी हूँमोड़ पे लाया हुआ आदमी हूँकिसी ने कभी मेरा साथ देकरदी जि
खो गये कहाँ तुम... ज़िंदगी की भीड़ और धुंध के खयालों मेढूंढती है ये नज़र मंदिर और शिवालों मेंदे के रोशनी मुझे गुम हुए उजालों मेंकैसे मै बंद करूं रूह को मै तालों मेंफिर भी न जाने खो गये कहाँ तुम...
ओ भूलने वाले ये तो बताक्या याद तुझे हम आते हैंदिल मे बसाया था जिसको क्यों दिल को वही तड़पाते हैं जब मस्त हवायें चलती हैजब शाम सुहानी आती हैआकाश मे चाँद चमकता हैफूलों पे जवानी आती हैतनहाई सता
पहले दिल दिया नही चुरा लिया तुमने हौले हौले से ये क्या किया तुमनेअब दिल दे रहा हूँ तुमको दिल से निकाल करअपने दि
माई माई जपने वाला,मैहर पहुँच ही जाता है !सती सती कहने वाला, माँ शारदे को भाता है !!जग में है जिनकी शान सतना जिले की है पहचान आल्हा उदल की अराध्य माँ शक्ति पीठ में बसती हैंदक्ष पुत्