14 मार्च 2024
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मात मोरबी पिता घटोत्कच, बर्बरीक है जिसका नाम... ! सिर खाटू में धड़ हिसार में, वो हैं मेरे खाटू श्याम... !! हारे का सहारा, खाटू श्याम अति बलशाली, खाटू श्याम भीम पौत्र हैं, खाटू श्याम बीर-बहा
तसव्वुर से तुम्हें खींच करक़लम, हक़ीक़त केवरक़ पर उतारने ही चला था कि यक-ब-यक तुम रूबरू आ गएठिठक गई क़लम पलकें झपकना भूल गई क्या लिखतातुम्हारी तारीफ़ में दु
राज सारा का सारा छुपाती रही, पर तेरे प्यार को मैं निभाती रहीहौसला मेरा इतना जो मज़बूत था, आँधियों में मैं दीपक जलाती रहीनए रंग ख्वाबों में भरती रही,बिन रुके मैं हदों से गुजरती रहीहुए ज़र्द पत्
मैं अधूरा पड़ा संकलन की तरह,मैं तुम्हें गुनगुना लूँ ग़ज़ल की तरह,तुम मुझे खुल के गाना भजन की तरह।तुम बनो राधिका तो तुम्हारी कसम,कृष्ण-सा कोई वादा करूँगा नहीं,जानकी बन के आओ अगर घर मेरे,राम जैसा इरादा
सोलहो श्रृंगार करके राधा गई पनघट पर,सज-धज, बन-ठन कर सखियां भी आ गईं।मीठी तान बांसुरी की टेर दियो कान्हा ने, मंत्रमुग्ध होकर सारी ग्वालन हरषा गईं।नीले नीले अंबर में मेघ भी गरजन लागे,रिमझिम कर 
राम नाम जपने वाला, वैकुण्ठ में जगह बनाता है !श्याम-श्याम कहने वाला, जग को वैकुण्ठ बनाता है !!दोनों विष्णु के अवतार एक हैं राम एक गोपाल...2जनकनन्दिनी जपने वाला,दुःख को दूर भगाता है !नवलक
जय माता की जय माता कीजय माता की बोलो.....2पहले जम्मू चलो फिर कटरा चलो...दर्शन करो माँ के दर्शन करो...माँ के दीदार से अपना दामन भरो...दर्शन करो माँ के दर्शन करो...जय माता की जय माता कीजय मा
होली गीत रंग लो जी अपने ही रंग में सनम आया होली का त्योहार...रंग लूँगा सत रंगी रंग में सनम आया रंगों का त्योहार...लाल रंग, नीला रंग, हरा पिचकरियातन भीगे, मन भीगे, भीगे है चुनरिया फ
राधा - राधा जपने वाला,कृष्ण को बहुत ही भाता है !माधव माधव कहने वाला,धर्म - ध्वजा लहराता है !!दोनों भक्ति के पर्याय,राधा शक्ति कृष्ण अध्याय...भगवत गीता पढ़ने वाला,जीवन सफल बनाता है !कृष्ण कथा लिखने वाल
आओ चलें दशरथ के द्वार श्री राम जय जय राम बोलोभ्रमण करो जी अवध दरबार जय जय जय सियाराम बोलो दर्शन की अभिलाषा लेकर जाना है...राम के चरणों मे ये शीश झुकाना है...मिलने को ये दिल है
जन जन की है यही पुकार अब की बार चार सौ पार सब मिलकर संकल्प उठाएँ लाएँ फिर मोदी सरकारअब की बार चार सौ पार...विश्व पटल पर भारत माता का सम्मान बढ़ाया हैजिसने बरसो बाद राम का मंदिर भव्य बनवाया है&nbs
फूल क्यूँ सारे खिलके महकने लगे आज भँवरों के दिल भी धड़कने लगेदिल की खिड़की खुली मिल गई लो नजर आज मालुम हुआ आपका है ये घर प्यार का रंग चढ़ता उतरता रहा नूर चेहरे का उनके निखरता रहा&nbs