प्रिंस कुमार
का निवासी हूँ। मेरा जन्म 6 सितंबर 1996 को एक मध्य वर्ग परिवार में हुआ। प्रिंस कुमार के अलावा लोग और कई नाम से मुझें जानते है जैसे कुमार प्रिंस और किशन बिहारी। बचपन से ही मुझें कहानी में विशेष रुचि था। और तभी से मैं कहानियाँ पढ़ता आ रहा हूँ। पढ़ते-पढ़ते मैंने लिखना भी शुरू किया। और मैं भी कहानियाँ लिखने लगा। कहानी के साथ-साथ मैं कविता और शायरी भी लिख लेता हूँ। वर्ष 2018 में मैंने प्रतिलिपि के साथ लेखन की दुनियाँ में कदम रखा।
Parindey
अपने गर्भबति पत्नी को छोड़कर सनी गाँव से सहर आ गया था। सनी पैसे कमाने के लिए गाँव छोड़कर शहर तो आ गया था लेकिन यहाँ उसे कोई नौकरी नहीं मिली थी। यहाँ सनी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। वो काफी अकेला और उदास रैहता था। इसी बीच आयुष नाम के एक लड़के से
Parindey
अपने गर्भबति पत्नी को छोड़कर सनी गाँव से सहर आ गया था। सनी पैसे कमाने के लिए गाँव छोड़कर शहर तो आ गया था लेकिन यहाँ उसे कोई नौकरी नहीं मिली थी। यहाँ सनी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। वो काफी अकेला और उदास रैहता था। इसी बीच आयुष नाम के एक लड़के से