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परिंदे भाग-17

24 दिसम्बर 2024

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प्रिय पाठकों अब तक आपने पढ़ा आयुष को ढूंढता हुआ आदित भी सनी के कमरे पर आ गया था। आदित को देखते ही आयुष ने घर जाने के बारे में कहा। आदित चुपचाप सनी के पास आकर बैठ गया था। कुछ पल दोनों में बातें हुईं। सनी से बात करने के बाद आदित चला गया था और सनी भी सो गया। हमेसा की तरह आज सुबह भी आयुष सनी के यहाँ आ गया था। आयुष हमेसा की तरह सनी के बिस्तर पर जाकर बैठ गया था। और अब आगे...

तम्बाकू खाने के बाद सनी बाथरूम की ओर चला गया। और आयुष वही बैठा सनी का इंतज़ार कर रहा था। कुछ देर बाद ही सनी फ्रेस होकर अपने कमरे में लौटा। भइया आप से कुछ कैहने आया हूँ क्या आप मेरी बात सुनेंगे आयुष ने पूछा। हाँ-हाँ क्यों नही बोलो तुम क्या बोलना चाहते हो सनी ने कहा। भइया मम्मी आपको बुलाई है वो आपसे मिलना चाहती है आप आएँगे न उनसे मिलने आयुष ने पूछा। जाने से पहले हो सके तो मैं जरूर तुम्हारी मम्मी से मिलना चाहूँगा सनी ने कहा। ठीक है भइया अभी मैं जाता हूँ मैं बाद में आपसे मिलूँगा कैहकर आयुष चला गया। आज उसने सनी से कुछ बिसेष बात नहीं किया था और न ही उसने सनी के साथ ज्यादा वक्त बिताया। आज वो कुछ उदास-उदास सा लग रहा था। शायद उसे सनी के गाँव लौटने का दुःख था। आयुष के चले जाने के बाद सनी गाँव लौटने का तैयारी करने लगा। सारी तैयारी कर लेने के बाद सनी लगभग दस बजे अपने घर से निकल गया। मन में एक तीव्र इक्षा जगाए की जाने से पहले एक बार आयुष से मिल लेता हूँ सनी के कदम आगे बढ़ते जा रहे थे। कुछ ही देर के बाद वो आयुष के घर के बाहर पहुँच गया। सनी ने धीरे से दरवाजा खटखटाया। आयुष ने तुरंत ही दरवाजा खोल दिया। वो जानता था की सनी उससे मिलने आएगा या फिर वो सनी का ही इंतज़ार कर रहा था। आइए भइया अंदर आइए आयुष ने दरवाजा खोलते ही कहा। सनी आयुष के साथ-साथ अंदर चला गया। घर के अंदर एक छोटे से कमरे में सनी को आयुष लेकर गया। कमरे की हालत देखकर समझ में आ ही जाता था की वो लोग भी वहाँ के किरायेदार ही है। एक छोटे से कमरे में ही एक तरफ छोटा सा बिस्तर था। बिस्तर के ठीक बाए तरफ सिलेंडर और चूल्हा था। और वही ऊपर एक तख्ते पर टीवी रखा हुआ था। बिस्तर के ठीक सामने ही दीवार से सटकर एक सोफा लगा हुआ था। आइए भइया बैठिए मैं गुड़ और पानी लेकर आता हूँ सोफे की तरफ इशारा करते हुए आयुष ने कहा। सनी सोफे पर बैठ गया। सामने ही आयुष डब्बे से गुड़ निकाल रहा था। उसकी मम्मी अभी घर पर नहीं थी। शायद वो कही गई हुई थी या फिर डियूटी चली गई थी। सोफे पर बैठा सनी आयुष को ही देख रहा था। थोड़ी ही देर में आयुष गुड़ और पानी ले आया। ये लीजिए भइया गुड़ खा लीजिए आयुष ने सनी के हाथ पर गुड़ रखते हुए कहा। तुमने तो कहा था की तुम्हारी मम्मी मुझसे मिलना चाहती है तो कहाँ है तुम्हारी मम्मी दिखी नही अब तक गुड़ चबाते हुए सनी ने पूछा। होगी यही कही आ जाएगी आप थोड़ी देर इंतज़ार कीजिए आयुष ने कहा। तुम्हारी मम्मी का इंतज़ार करते हुए कही मुझें देर न हो जाए आयुष के हाथ से पानी का ग्लास लेते हुए सनी ने कहा। मम्मी इतना भी दूर नहीं गई होगी की आपको देर हो जाए आ जाएगी कुछ देर में सनी के बगल में सोफे पर बैठते हुए आयुष ने कहा। चलो कोई नहीं कुछ देर इंतज़ार ही सही सनी बुदबुदाया। आपने कुछ कहा आयुष ने पूछा। तुमने मुझें गुड़ क्यूँ खिलाया इससे क्या होता है सनी ने पूछा। वो लोग कैहते है की ऐसा करने से रिस्तो में मिठास बानी रैहती है मैं नहीं चाहता की आपके और मेरे बीच किसी प्रकार का कड़वाहट आए। तुम जानते हो गुड़ खिलाना बिहार का परंपरा है बिहार में लोग जाते हुए को गुड़,चीनी या दही खिलाते है जतरा के लिए। मुझें नहीं लगता की तुम दिल्ली का मूल निवासी हो सनी ने कहा। हाँ भइया मैं दिल्ली का नहीं हूँ लेकिन मैं बिहार का भी नहीं हूँ आयुष ने कहा। इतने में पायलों की छम्म-छम्म सुनाई देने लगी। शायद आयुष की मम्मी आ गई थी। लगता है मम्मी आ गई आयुष ने कहा। इतने में ही लाल साड़ी पहने एक औरत कमरे के अंदर आई। जब सनी ने उसे देखा तो देखता ही रैह गया। देखने से ही प्रतीत हो रहा था मानो चाँद जमी पर उतर आया हो। और लाल साड़ी पैहने हुए वो मानो किसी पड़ी जैसी लग रही थी। आयुष के सौतेले भाई आदित से उसका चेहरा काफी मिलता-जुलता था। देखने से ऐसा लग रहा था की वो आयुष की मम्मी न होकर आदित की मम्मी है। तो ये है तुम्हारा दोस्त कैहते हुए वो औरत बिस्तर पर जाकर बैठ गई। हाँ यही है मेरे सनी भइया आयुष ने कहा। उस औरत को देखकर सनी को कुछ-कुछ होने लगा था। अब सनी को यहाँ रुकना उचित नही लग रहा था। शायद वो कुछ पल और यहाँ रुक जाए तो वो उस औरत पर मोहित ही हो जाए। मुझें लगता है की मुझें देर हो जाएगा मुझे अब चलना चाहिए सनी ने कहा। अरे रुकिए तो कम से कम चाय तो पी लीजिए तो जाइएगा आयुष की मम्मी ने कहा। अरे नही-नही वैसे भी मैं खाना खा चुका हूँ और खाना खा लेने के बाद मैं चाय नहीं पीता। मुझें अब चलना चाहिए सोफे से उठते हुए सनी ने कहा। कुछ देर नही होगा थोड़ी देर में क्या बिगड़ जाएगा एक कप चाय की तो बात है आयुष की मम्मी ने कहा। आप बात नही समझ रही है मुझें जाना होगा सनी ने कहा। जाने से आपको किसने रोका है मैं जानती हूँ आपको चाय बहुत पसंद है मुझें आयुष ने बताया है आपके बारे में कम से कम एक कप चाय तो पीते जाइए मेरे लिए न सही आयुष के लिए आयुष की मम्मी ने कहा। न चाहते हुए भी सनी को कुछ पल और यहाँ रुकना पड़ा।
क्या होगा आगे क्या सनी को आयुष की मम्मी से प्यार हो जाएगा। क्या सनी सबकुछ भूल कर गाँव वापस लौट जाएगा। या फिर गाँव वापस न जाकर यही दिल्ली में रहेगा। क्या आयुष की मम्मी भी सनी को पसंद करेंगी। क्या आयुष सनी को अपना पापा बनाएगा या फिर दोनों दोस्त ही रहेंगे। जानने के लिए पढ़िए अगला भाग। और जरूर करे लेखक को फॉलो।
कहानी जारी रहेगी..................

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रचनाएँ
Parindey
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अपने गर्भबति पत्नी को छोड़कर सनी गाँव से सहर आ गया था। सनी पैसे कमाने के लिए गाँव छोड़कर शहर तो आ गया था लेकिन यहाँ उसे कोई नौकरी नहीं मिली थी। यहाँ सनी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। वो काफी अकेला और उदास रैहता था। इसी बीच आयुष नाम के एक लड़के से उसको दोस्ती हो जाता है। आयुष सनी के साथ काफी समय बीतता है और वो सनी को एक बाप की तरह प्यार करने लगता है। जब सनी गाँव लौट रहा होता है तब आयुष उसके साथ कुछ ऐसा करता है जिसकी सनी से कल्पना भी नहीं की थी। कैसे आयुष ने सनी के जीवन में नई रौशनी डाली, और क्या उसकी मित्रता सनी को एक नया उद्देश्य देने में सफल होगी? जानने के लिए पढ़ते रहिए "Parindey"
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परिंदे भाग-1

6 दिसम्बर 2024
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यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है। किसी भी व्यक्ति वस्तु या स्थान से इसका कोई संबंध नहीं है। और न ही किसी घटना से इसकी समानता होती है। यह कहानी न तो किसी के साथ घटित हुआ है और न ही किसी के जिंदगी पर न

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परिंदे भाग-2

7 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों पिछले भाग में आपने पढ़ा एक सख्स जो अपनी जिंदगी से बहुत परेशान है। उसका नाम सनी है हाल ही पहले जो गाँव से शहर आया है। मकान के दूसरे मंज़िल पर सनी का कमरा है जहाँ एक बालकोनी भी है। बालकोनी मे

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परिंदे भाग-3

8 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों पिछले भाग में अपनें पढ़ा एक सख्स जिसका नाम सनी है। वो अपनी जिंदगी से बहुत परेशान है। हाल ही पहले सनी गाँव से शहर आया है। इसके अलावा उसका दो दोस्त अमन और सुमन भी गाँव से शहर आ गया है। शहर म

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परिंदे भाग-4

10 दिसम्बर 2024
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परिंदे भाग-5

11 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों पिछले भाग में आपने पढ़ा सनी उदास उदास रेहने लगा था। जरूर उसे किसी बात की फिक्र या जरूर उसे किसी बात की परेशानी थी। सनी के चेहरे पर पहले जैसा मुस्कान नहीं था। सनी फिर से उसी जगह बालकोनी में

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परिंदे भाग-6

12 दिसम्बर 2024
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अब तक आपने पढ़ा सनी कोई गंभीर बात को लेकर उदास रैहता था। उसके चेहरे की हँसी कहीं खो गई थी। शाम का वक़्त है सनी बालकोनी में उदास खड़ा है उसका चेहरा मुरझाया हुआ है और आँखे आँसुओं से डबडबाई हुई है अचानक से

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परिंदे भाग-7

14 दिसम्बर 2024
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अब तक आपने पढ़ा सनी के आँसू की कुछ बूंदे एक बालक के गालों पर जा टपकी थी। बालक ने सनी की ओर देखा और उसे एहसास हुआ की सनी किसी वजह से रो रहा है। बालक ने सनी से बात की और पता लगाने का कोसिस करने लगा की आख

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परिंदे भाग-8

15 दिसम्बर 2024
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अब तक आपने पढ़ा आयुष सनी के कमरे पर आया था। दोनों में बाते हुई दोनों को एकदूसरे से बात करके अच्छा लगा। दोनों दोस्त बनना चाहते थे। शाम को सनी का मन विचलित हो गया तो वो टहलने नीचे आ गया। नीचे अमित से सनी

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परिंदे भाग-9

16 दिसम्बर 2024
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अब तक आपने पढ़ा टहलते-टहलते सनी और अमित बातें कर रहे थे। आयुष किसी भी तरह छुपते छुपाते उनदोनो का पीछा कर रहा था और सुनने की कोसिस कर रहा था की दोनों में आखिर क्या बात हो रही है। कुछ पल के बाद अमित चला

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परिंदे भाग-10

17 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों अब तक अपनें पढ़ा आयुष चाहता था की सनी सिर्फ उसी का दोस्त बने। सनी और आयुष के दोस्ती के बीच में अमित आ जा रहा था। आयुष का अब तक एक भी अच्छा दोस्त नहीं था। सनी अपनी आदत अनुसार देर से ही उठता

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परिंदे भाग-11

18 दिसम्बर 2024
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अब तक आपने पढ़ा सनी अपनी आदत अनुसार देर तक ही सोता है। आज भी सनी घोड़े बेचकर सोया हुआ है। आयुष सनी के यहाँ आया है। आयुष सनी को जगा रहा है। सनी और आयुष दोनों साथ में किचेन में होते है। सनी चाय बना रहा है

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परिंदे भाग-12

19 दिसम्बर 2024
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पिछले भाग में आपने पढ़ा आयुष सनी के घर पर था। आयुष और सनी में बाते हो रही थी। सनी आयुष को गाँव के बारे में गाँव में अपनी जिंदगी के बारे में बता रहा था। सनी आयुष को बता रहा था की कोई मुझें नहीं समझता है

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परिंदे भाग-13

20 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों अब तक आपने पढ़ा आयुष और सनी बाते कर रहे थे। आयुष के बीते जिंदगी के बारे में जानने की सनी को बहुत उत्सुकता थी। लेकीन फिलहाल सनी को बहुत नींद आ रहा था जिसकी वजह से वो सबकुछ कल पर टाल रहा था।

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परिंदे भाग-14

21 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों अभी तक आपने पढ़ा वो बालक अपनी मस्ती में कहीं जा रहा है। उसके पीछे ही सनी कुछ दूरी पर छुप-छुप कर उसका पीछा कर रहा है। सनी को कुछ मालूम नहीं है की आखिर वो बालक जा कहाँ रहा है। और अब आगे.....

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परिंदे भाग-15

22 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों अब तक आपने पढ़ा सनी अपने कमरे में कागज को फाड़ रहा था। उसे कुछ घटनाएं अपनें कल्पना में दिख रहा था जो उसने सोचा था। इतने में आयुष चलकर सनी के कमरे तक आ गया था। दोनों में कुछ बाते हुई। सनी आय

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परिंदे भाग-16

23 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों अभी तक आपने पढ़ा सनी आयुष को अपने प्लान के बारे में बताता है। आयुष सनी से उस लड़के के बारे में पूछता है। सनी उसी लड़का के बारे में आयुष को बताता है जो लड़का आज शाम आयुष को चिढ रहा था। उस लड़के

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परिंदे भाग-17

24 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों अब तक आपने पढ़ा आयुष को ढूंढता हुआ आदित भी सनी के कमरे पर आ गया था। आदित को देखते ही आयुष ने घर जाने के बारे में कहा। आदित चुपचाप सनी के पास आकर बैठ गया था। कुछ पल दोनों में बातें हुईं। सन

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परिंदे भाग-18

26 दिसम्बर 2024
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प्रिय पाठकों अब तक आपने पढ़ा सारी तैयारी करने के बाद सनी आयुष से मिलने आयुष के घर जाता है। आयुष सनी को गुड़ खिलता है। इस समय आयुष की मम्मी घर पर नहीं होती है। आयुष और सनी बात कर रहे होते है। कुछ ही देर

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