एलर्जी एक ऐसी प्रतिक्रिया है जो कुछ लोगों को परेशान नहीं करती तो वहीं कुछ लोगों को इससे काफी परेशानी होती है है। जिन लोगों को एलर्जी होती है वे अक्सर एक से अधिक चीजों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। कुछ ऐसे तत्व जो अक्सर एलर्जी की प्रतिक्रियाओं का कारण बनते हैं। जैसे- धूल के कण, जानवरों से छुआछुत, कुछ खाद्य पदार्थ, तेज धूप व अन्य काफी ऐसी चीजें हैं जो एलर्जी का कारण बनती हैं।
आज कल कई प्रकार की एलर्जी देखने को मिलती है जो इंसान को काफी परेशान करती है। जैसे कि आंख (Ankh ki allergy) व नाक की एलर्जी एक आम बात हो गयी है और यह तब होता है जब आपका का इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरोधक शक्ति वातावरण में मौजूद नुकसान देने वाले पदार्थों के संपर्क में आती है तो एलर्जी संबंधित समस्या होती है। वातावरण में तो इस तरह की समस्याएं कहीं ज्यादा हैं। नाक की एलर्जी (Naak ki allergy) से पीड़ित लोगों की नाक के पूरे भाग में सूजन सी हो जाती है।
आपको बता दें कि नाक की एलर्जी मुख्य तौर पर दो तरह की होती है। पहली मौसमी, जो साल में और दूसरी बारहमासी, जो पूरे साल रहती है। दोनों तरह की एलर्जी के लक्षण एक जैसे ही होते हैं। मौसमी एलर्जी को आमतौर पर एक तरह का बुखार भी कहा जाता है। साल में किसी निश्चित समय के दौरान ही यह होता है। घास और शैवाल के पराग कण जो मौसमी होते हैं, इस तरह की एलर्जी की आम वजहें हैं। नाक की बारहमासी एलर्जी के लक्षण मौसम के साथ नहीं बदलते। इसकी वजह यह होती है कि जिन चीजों के प्रति आप अलर्जिक होते हैं, वे पूरे साल आपके संपर्क में रहती हैं।
स्किन की एलर्जी (skin allergy in hindi) भी इनके बाद ही आती है। यह कई कारकों के कारण हो सकती है। यह एक प्रकार का संक्रमण है। एक्जिमा सबसे आम स्किन एलर्जी है, खासकर बच्चों में होती है। स्किन के भीतर "रिसाव के रूकने" को इस एलर्जी का कारण माना जाता है, जिसके कारण यह सूख जाता है जिसके बाद जलन और सूजन का खतरा बन जाता है। जो एक्जिमा के गुणों को बदतर बना सकती है। गंभीर एटोपिक जिल्द की सूजन वाले लगभग आधे रोगियों की त्वचा में एक दोषपूर्ण जीन के कारण होता है, जिसे फ़्लैग्रेग्रिन कहा जाता है। एक्जिमा की खुजली केवल हिस्टामाइन के कारण नहीं होती है, इसलिए एंटी-हिस्टामाइन लक्षणों को नियंत्रित नहीं कर पाती हैं। एक्जिमा को अक्सर अस्थमा, एलर्जिक राइनाइटिस (hay fever) या फूड एलर्जी कहा जाता है। जिसे एटोपिक मार्च के नाम से भी जाना जाता है।
कुछ आम लक्षण
छींक, घबघराहट, सांस की तकलीफ, कफ (cough), स्किन पर चकत्ते, थकान, सिरदर्द, उल्टी, बुखार आदि ये सभी एलर्जी के आम लक्षण हैं।
.एलर्जी से बचने के घरेलु सुझाव
.मास्क पहनें
.रात में बाल धुलें
.नाक को साफ-सुथरा रखें
.धूल से दूर रहें
.अपने बिस्तर व घर को साफ रखें
.सूखे कमरे में रहें
.पालतू पशुओं को साफ-सुथरा रखें
.गीले कपड़े न पहनें
फेस की एलर्जी ( face ki allergy) , खुजली की एलर्जी (khujli ki Allergy ka ilaj) व नाक की एलर्जी के ये सर्वोत्तम उपाय हैं।
निष्कर्ष- अगर आपको भी आंख, कान, नाक की एलर्जी है या फिर आप लगातार एलर्जी से परेशान हैं तो ऊपर बताए सारे तरीकों को आजमाए. इतना करने के बाद भी आपको ये समस्या बनी रहती हैं तो इसका आयुर्वेद में बेहतर इलाज है जो निश्चित तौर पर आपको लाभ पहुंचाएगा और इसके लिए आप हमारे एक्सपर्ट्स से परामर्श ले सकते हैं।