क्या है हर्निया?
आपके शरीर का जब कोई अंग अपनी कंटेनिंग पार्ट यानि झिल्ली से बाहर निकलने लगता है तो उसे हर्निया (hernia definition) कहा जाता है, जिसके कारण इंसान को काफी दिक्कत होती है और चलने फिरने मसे उस भाग में दर्द होता है। किसी मसल्स की कमजोरी और लगातार वहां प्रेशर पड़ने पर हर्निया हो जाता है। वैसे तो ज्यादातर पेट के ऑपरेशन के बाद हर्निया का होना कॉमन है। शरीर के कुछ ऐसे क़ॉमन भाग हैं जहां अक्सर हर्निया (types of hernia) पाया जाता है। जैसे-
1.इन्गुइनल हर्निया (पेट के नीचे का हिस्सा जो पुरूषों में महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा होता है।)
2.अम्बलाइकल हर्निया (अक्सर वयस्कों में umbilical hernia in adults होता है। जिसमें आंत का हिस्सा जो झिल्ली से बाहर निकलने लगता है, जो अक्सर पेट के ऑपरेशन के बाद होता है।)
3.एपिगेस्ट्रिक हर्निया (नाभि और पसलियों के सेंटर मे होता है)
4.फीमोरल हर्निया (यह जांघ में होता है जो कि महिलाओं में पुरूषों की अपेक्षा ज्यादा होता है।)
इसके अलावा अन्य और भी हर्निया होते हैं। जैसे- लंबर, पैरस्थोमल, इनसीसनल व हिएटल hiatal hernia ।
किन वजहों से होता है हर्निया?
1. मोटापा- मोटापा ज्यादा होने पर मसल्स के बीच फैट जम जाता है, जिससे मसल्स पर प्रेशर पड़ने की वजह से ये दो हिससों में बंट जाती हैं।
2. ज्यादा सीढ़ियां चढना- शरीर के ज्यादा भार के साथ अधिक सीढ़ियां चढ़ने से भी हर्निया की शिकायत हो जाती है।
3. हाई वेट लिफ्टिंग- अचानक से ज्यादा वेट उठाने से भी हर्निया की शिकायत होती है, जैसे कि कभी-कभी जिम करने के दौरान ऐसा होता है।
4. मसल्स की कमजोरी- प्रेग्नेंसी के दौरान कम प्रोटीन या भरपूर पोषण न मिलने पर मसल्स कमजोर हो जाती हैं। जिससे हर्निया की आशंका बढ़ जाती है।
5. सर्जरी- अगर शरीर के किसी हिस्से में सर्जरी के बाद वहां प्रेशर पड़ता है तो यह हर्निया का कारण बन सकता है।
6. पेशाब करने में दिक्कत- मूत्र बाहर निकलने में दिक्कत या रूकावट की वजह से भी हर्निया हो सकता है।
7. कब्ज- कब्ज को बाहर निकालने पर शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव होता है।
8. बढ़ती उम्र- ज्यादातर 60 साल के उम्र के बाद इसकी शिकायत होती है। हालांकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है।
9. खांसी- बार-बार खांसी के कारण पेट पर प्रभाव पड़ता है जिससे हर्निया उभर सकती है।
10. बीमारी- किडनी व लिवर फेल होने की वजह से अक्सर हर्निया का सामना करना पड़ता है।
हर्निया के उपचार के लिए कुछ विकल्प
आपको इलाज की जरूरत है या नहीं, यह आपके हर्निया के आकार और लक्षणों पर निर्भर करता है। आपका डॉक्टर बस आपके हर्निया के बारे में बता या कुछ सलाह दे सकता है। हर्निया के इलाज के लिए आपको कुछ चीजों को अपनाना होगा। जैसे- जीवनशैली में बदलाव, कुछ दवाएं या सर्जरी।
जीवनशैली में बदलाव
अपने खान-पान में बदलाव करके भी आप अपने हर्निया की समस्या को कम कर सकते हैं। लेकिन आप इसे खतम नहीं कर सकते। इस समस्या को खतम करने के लिए आपको मांस जैसी चीजों का सेवन कम से कम करें। हमेशा शरीर का भार कम रखने की कोशिश करें। रोजाना भारी मात्रा में पानी पियें। जल्दी-जल्दी सिढ़ियां न चढ़ें। स्मोकिंग न करें।
योगासन करें
हर्निया से लड़ने के लिए योगासन hernia medication एक अच्छा उपाय माना जाता है, जिसमें यह सलाह दी जाती है कि पेट को मजबूत बनाने वाले आसन करें और करीब 6 महिने तक करें। जिनमें शामिल हैं- भुजंगासन, धनुरासन, नौकासन, उष्ट्रासन, कोणासन, मूलबंध, अश्विन मुद्रा, एक पैर से उत्तानपादासन, कटिचक्रासन, एक पैर से पवनमुक्तासन, नितंबासन, शशांकासन, पश्मिोत्तानासन गोमुखासन आदि उपयक्त आसन हैँ, जो हर्निया को जड़ से खतम कर सकते हैं।
हर्निया की सर्जरी
यदि आपकी हर्निया बड़ी हो रही है या ज्यादा दर्द हो रहा है, तो आपका डॉक्टर इसे ठीक करने के लिए सर्जरी hernia surgery के माध्यम से पेट में छेद करके आपकी हर्निया का ऑपरेशन कर सकता है। ओपन सर्जरी के लिए एक लंबी प्रक्रिया होती है। आप छह सप्ताह तक सामान्य रूप से घूम नहीं सकेंगे। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में रिकवरी का समय बहुत कम होता है, लेकिन आपके हर्निया के दोबारा होने का खतरा फिर भी होता है।