बच्चे को जन्म न दे पाना या मां बनने से असमर्थ होना बांझपन infertility definition है। यदि महिला, पुरूष का वीर्य कई बार धारण करने के बाद भी गर्भवती नहीं हो पाती है तो उस महिला में बांझपन की समस्या है। हमारी इस लेख में आप जानेंगे किसी महिला के बांझपन होने के कारण, जांच और इलाज।
प्रेगनेंट कैसे होते हैं? How to get pregnant in hindi
महिलाओं को प्रेगनेंट होने के लिए अंडाशय में अंडों का बनना आवश्यक है। जब अंडाशय में अंडों का निर्माण होता है तो अंडे फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से होते हुए गर्भाशय में जा पहुंचते हैं और जब पुरुष का वीर्य महिला के अंडे से मिलता है तो निषेचन की क्रिया होती है। इसके बाद निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवारों से चिपक जाता है और भ्रूण के रूप में विकसित होता है। लेकिन जिन महिलाओं के गर्भाशय में ये प्रक्रिया नहीं होती है उन महिलाओं को बांझपन की समस्या का सामना करना पड़ता है।
महिला के बांझपन होने के कारण
महिला में बांझपन होने के कई कारणों infertility causes में उम्र भी शामिल है, क्योंकि जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है। उसे गर्भधारण करने में परेशानी होती है क्योंकि गर्भाशय में अंडे कम होने लगते हैं। साथ ही प्रजनन शक्ति भी कम होने लगती है। ऐसा माना जाता है कि 30 वर्ष की उम्र के बाद गर्भधारण की क्षमता कम होने लगती है। कुछ अन्य और भी कारण हैं, जैसे-
1.फैलोपियन ट्यूब का टूटना जो कि अंडाशय से अंडे लेकर गर्भाशय तक पहुंचाता है और यहीं पर भ्रूण विकसित होता है। पेल्विक में इंफेक्शन और सर्जरी के कारण फैलोपियन ट्यूब टूट जाता है। जिसके कारण पुरूष के वीर्य को अंडों तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न होती है और इसी कारण महिलाओं को बांझपन की समस्या हो जाती है।
2.हार्मोन में परिवर्तन का न होना क्यों कि इसी के कारण अंडाशय से अंडे निकलते हैं और गर्भाशय की परत को मोटा कर देते हैं। जिससे गर्भधारण की क्षमता बढ़ जाती है।
3.गर्भाशय के अंदर पॉलिप्स और फाइब्रॉयड की परेशानी होने पर प्रेगनेंसी में समस्या होती है। गर्भाशय की परत पर जब कोशिकाएं ज्यादा विकसित होने लगती हैं तो गर्भाशय में पॉलिप्स और फाइब्रॉयड की समस्या पैदा हो जाती है और गर्भ धारण करने में परेशानी होने लगती है।
बांझपन के लक्षण
महिलाऔं में बांझपन का मुख्य लक्षण (infertility symptoms) गर्भवती न हो पाना ही है। यदि किसी महिला का पीरियड्स बहुत लंबा या 35 दिन या इससे भी अधिक का हो या 21 दिन से पहले का हो, तो इसका मतलब है कि महिला के गर्भाशय में अंडोत्सर्ग यानि OVULATION नहीं हो रहा है। हालांकि बांझपन के कोई बाहरी लक्षण नहीं दिखायी देते हैं लेकिन आंतरिक लक्षणों को ध्यान देकर इस समस्या को आसानी से पहचाना जा सकता है।
बांझपन से मुक्त होने के घरेलु सुझाव
प्रजनन संबंधी समस्याएं 15% पति-पत्नियों को प्रभावित करती हैं। आपकी प्रजनन क्षमता बढ़ाने और तेजी से गर्भवती होने के कुछ प्राकृतिक तरीके भी मोजूद हैं। आहार और जीवनशैली में बदलाव लाने से प्रजनन क्षमता को 69% तक बढ़ाने में मदद मिलती है। हमारे पास प्रजनन क्षमता को बढ़ाने और गर्भवती होने के कुछ महत्वपूर्ण प्राकृतिक तरीके हैं।
1.ऐसे पदार्थों का सेवन करें जो एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हों। जैसे- नींबू, नट्स, स्ट्राबेरी, ब्रोकली, अंडा, मछली, ब्राउन राइस, बीन्स, तरबूज आदि।
2.हैवी नाश्ता करें।
3.ट्रांस वसा से बचें।
4.कम रिफाइंड कार्ब्स खाएं।
5.ज्यादा फाइबरयुक्त भोजन लें।
6.मल्टीविटामिन का सेवन करें।
7.एक्टिव रहें।
8.पर्याप्त आराम करें।
9.आयरनयुक्त चीजों का सेवन करें।
10.ज्यादा शराब न पियें।
निष्कर्ष- स्वस्थ शरीर और प्रजनन के लिए अच्छा पोषण बहुत महत्वपूर्ण है। अध्ययनों से पता चला है कि पौष्टिक आहार खाने और जीवनशैली में बदलाव करने से प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देने और आपके शरीर को गर्भावस्था के लिए तैयार करने में मदद मिल सकती है। क्या अधिक है, आप कैसे रहते हैं और क्या खाने के लिए चुनते हैं, ये सभी चीजें गर्भावस्था को काफी प्रभावित करती हैं। गर्भावस्था से संबंधित infertility treatment के लिए हमारी एक्सपर्ट टीम से संपर्क करें, या https://health.shabd.in/ पर क्लिक करके स्वास्थ्य संबंधि जानकारी लें।