चिकनपॉक्स (mata nikalna) एक ऐसी बीमारी है जो संक्रमण के कारण होती है। इस बीमारी में लाल धब्बे (choti mata) व छाले (badi mata) उभर आते हैं और खुजली भी होती है। धीरे- धीरे यह पुरे शरीर में फैल जाता है। खासकर गर्भवती महिलाओं, नवजात बच्चे व वयस्क इससे ग्रसित होते हैं। इससे ग्रसित लोगों को लोगों के संपर्क में नहीं आना चाहिए क्योंकि य़ह अन्य लोगों के लिए भी खतरा हो सकता है।
चिकनपॉक्स के दृष्टिकोण (chechak disease)
शरीर अपने आप ही चिकनपॉक्स के अधिकांश मामलों को हल कर सकता है। आमतौर पर कुछ लोग एक से दो सप्ताह के भीतर सामान्य रूप से ठीक हो जाते हैं। एक बार जब चिकनपॉक्स ठीक हो जाता है, तो अधिकांश लोग इस वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाते हैं। यह फिर से सक्रिय नहीं होगा क्योंकि VZV आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में निष्क्रिय हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली अस्थायी रूप से कमजोर हो जाती है, तो VZV दाद के रूप में पुन: सक्रिय हो सकता है। यह आमतौर पर नई उम्र या एक दुर्बल बीमारी होने के कारण होता है।
कुछ उपाय घर पर
गुनगुना स्नान करना
नारियल के तेल व कपूर का लोशन लगाना
हल्के, मुलायम कपड़े पहने
यदि आप वायरस के मुश्किलों का अनुभव करते हैं या इसके वायरस से लड़ने नें असमर्थ हैं, तो आपका डॉक्टर कोई एंटीवायरल दवा लिख सकता है। हाई वायरल से पीड़ित लोग आमतौर पर युवा, वृद्ध वयस्क होते हैं। ये एंटीवायरल दवाएं चिकनपॉक्स को ठीक नहीं करती हैं। वे वायरल गतिविधि को धीमा करके लक्षणों को बस थोड़ा बहुत कम करती हैं। इससे आपके शरीर की लड़ने की क्षमता बढ़ सकती है।
चिकनपॉक्स का इलाज (chicken pox ka ilaj)
आपको बता दें कि चिकनपॉक्स से पीड़ित लोगों को इस रोग के लक्षणों को रोकने की सलाह दी जाती है। माता-पिता को बताया जाता है कि वे बच्चों को वायरस के फैलने से रोकने के लिए स्कूल जैसे पब्लिक प्लेस से बाहर रखें। संक्रमित व्यक्ति को घर में रहना चाहिए। आपका डॉक्टर एंटीहिस्टामाइन दवाओं या सामयिक मलहम की सलाह दे सकता है, जिससे आप त्वचा की खुजली को कम कर सकते हैं:
प्राथमिक उपचार के लिए करें इनका सेवन
तुलसी और अजवाइन के सेवन से बुखार कम होता है।
रोजाना सुबह तुलसी का रस लें।
नीम के पत्ते को उबालकर खायें। (neem ke fayde)
करेले के जूस में हल्दी मिलाकर पिएं।
अंगूर को गरम पानी से धुलकर खाएं।
भीगे हुए चने पर रोगी को अपने हाथ रखने चाहिए फिर चने को फेक देना चाहिए | भीगा हुआ चना चेचक का किटाणु सोखने का काम करता है |
चेचक के दानो मे घाव अगर बन चुके है तो इसे ठीक करने के लिए तो आप हल्दी और सूखा हुआ कथ्था बारिके पिस मिलाए और फिर सूखे हुए कथ्थे को ही अपने घाव पर लगाए | यह चेचक घाव ठीक करेगा |
रोगी को शहद चाटने को दे साथ ही जो फफोले फुट चुके है उन जगह शहद लगाए | इस तरह से रोगी के शरीर पर निशान नहीं होंगे साथ ही आंखे पर चेचक नहीं होगा |
2 मुनक्का व 2 किशमिश खायें।