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लघु रचना।

4 अगस्त 2022

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जनाब 

क्या लिखूँ  इस कोरे कागज पर ?

जो लिखूँ  ,सच लिखूँ  या फरेब

मगर इतना जरूर है मेरी कलम से

जो लिखूँ  सच लिखूँ  जो पढ़े उसके 

भीतर में भी सच लिखूँ  ओर यह सच

क्या है  हुजूर  ! यह सच जो है हुजूर 

वह इश्क़ है।


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