जनाब
क्या लिखूँ इस कोरे कागज पर ?
जो लिखूँ ,सच लिखूँ या फरेब
मगर इतना जरूर है मेरी कलम से
जो लिखूँ सच लिखूँ जो पढ़े उसके
भीतर में भी सच लिखूँ ओर यह सच
क्या है हुजूर ! यह सच जो है हुजूर
वह इश्क़ है।
4 अगस्त 2022
जनाब
क्या लिखूँ इस कोरे कागज पर ?
जो लिखूँ ,सच लिखूँ या फरेब
मगर इतना जरूर है मेरी कलम से
जो लिखूँ सच लिखूँ जो पढ़े उसके
भीतर में भी सच लिखूँ ओर यह सच
क्या है हुजूर ! यह सच जो है हुजूर
वह इश्क़ है।
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मेरे लिए प्रेम और इंसानियत से बड़ा कोई महजब नहीं है।वर्तमान समय में मैं हिन्दी विषय से शोधार्थी के रूप में कार्यरत हूँ। मुझे लिखने का शौक है, जो भी दिल में आता उसे शब्दों में पिरो देता हूँ। D