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' लम्हा '

27 अप्रैल 2020

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इतने लम्बे इंतजार के बाद पल भर के लिए खुशयां आई,

पलक झपकते पल बीता और फिर किस्मत ने मेरी हंसी उडाई,

किस्मत की बात करू तो किस्मत हँस पड़ती है ,

हंसने की बात करू तो आखें छलक पड़ती है,


बीतें लम्हों में जिंदगी बीतते है.

कितनी पुरानी जिंदगी में हर पल नया पाते है,

ख्यालो में जिंदगी को सिर्फ पाते है,

इस तलाश में ना जाने कितने पल गवातें है ,

यादों में संजो कर रखा है अपनी खुशयों को ,

आने वाले वक़्त में. खुशयां पाना ही भूल जाते है|


जिन्दगी की इस सच्चाई को जाने बिना

न जाने क्यों अनजाने में खुद को

खुद ही दर्द दिए जाते है.

बीते लमही में जिन्दगी बीताते है.

कितनी पुरानी जिन्दगी में हर पल नया पाते है |

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