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Life

3 अक्टूबर 2017

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*काजल लागे किरकरी* *सुरमा सहा ना जाए* *जिन नैनं में मित्र बसे* *दूजा कौन समाये* *प्रीत न कीजिये पंछी जैसी* *जल सूखे उड़ जाऐ* *प्रीत तो कीजिये मछली जैसी* *जल सूखे मर जाए।*

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