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*काजल लागे किरकरी* *सुरमा सहा ना जाए**जिन नैनं में मित्र बसे* *दूजा कौन समाये**प्रीत न कीजिये पंछी जैसी* *जल सूखे उड़ जाऐ**प्रीत तो कीजिये मछली जैसी* *जल सूखे मर जाए।*