क्या आपने अपनी त्वचा के नीचे एक नरम रबरदार उभार देखा है? अगर हां तो यह लिपोमा का लक्षण हो सकता है। लिपोमा अक्सर तब होते जब आपके शरीर के नरम ऊतकों में वसा की एक गांठ बढ़ने लगती है, हालांकि उन्हें ट्यूमर के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है, लेकिन वे आमतौर पर नुकसानदायक तो हो ही सकते हैं।
लिपोमा अक्सर आपकी त्वचा के सबसे नीचे बननें वाले आम ट्यूमर जैसे होते है, यह बीमारी एक हजार लोगों में से किसी एक को होता है। यह शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि यह शरीर के ऊपरी हिस्सें बाहों, जांघों और गर्दन में पाया जाता है। यदि लिपोमा त्वचा के नीचे की नसों में बढ़ता है तो लिपोमा दर्ददायक भी हो सकता है।शुरुआत के समय में तो ये गांठ काफी छोटी रहती है लेकिन धीरे- धीरे इनमें विकास होता रहता है।
लिपोमा बीमारी के कारण
आपको बता दे कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया इस बीमारी के मुख्य कारण क्या है? यह अक्सर मध्यम आयु के पुरुष और महिलाओं में पाया जाता है और पीढ़ी दर पीढ़ी इसका विकास होता रहता है।
लिपोमा के लक्षण
यह आमतौर पर शुरुआती समय में छोटे और नरम गांठ के रूप में दिखाई देता हैं और ये अक्सर 2 इंच से कम चौड़े होते है, कभी-कभी तो इन गांठो की संख्या समय के साथ बढ़ते भी
रहते है। आप जब भी इस गांठ को दबाते होगे तो यह अपने स्थान से खिसकता रहता है। समय के साथ में इसमें सूजन या फैलाव भी हो सकता है। लेकिन इन गांठो में प्राय दर्द नहीं होता है लेकिन आगे चलकर ये दर्द का कारण बन सकते है क्योंकि यदि वे आस-पास के नसों से टकराते है तो उनके माध्यम से रक्त वाहिकाएं चल रही होती है।
लिपोमा का निदान
यदि आपको अपने शरीर पर एक गांठ या सूजन दिखाई देती है, तो आपको डॉक्टर से इसकी जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर ही बता सकतें है कि यह एक खतरनाक लिपोमा है या नहीं। अगर उन्हें आवश्यक लगेगा तो वे कुछ जांच के लिए कह सकते है। दुर्लभ मामलों में ही वे शरीर के अंदर मांसपेशियों या आंतरिक अंगों में बनते हैं। यदि कोई गांठ आपको दर्द दे रहा है या आपकी मांसपेशियों को प्रभावित कर रहा है, तो आपको इसे ऑपरेशन के जरिए निकलवाना पड़ सकता है। कुछ गांठ एक प्रकार से कैंसर हो सकते है जिसे लाइपोसारकोमा कहा जाता है, जो तेजी से बढ़ता है और उसमें असहनीय दर्द भी हो सकता है।
चिकित्सक अक्सर शारीरिक परीक्षा करके एक लिपोमा का निदान कर सकते हैं। अगर यह नरम और दर्दनाक नहीं लगता है आपके लिए ये अच्छी बात है।कुछ मामलों में त्वचा विशेषज्ञ लिपोमा की बायोप्सी ले सकता है। इस प्रक्रिया के दौरान वे ऊतक के एक छोटे हिस्से को खुरचेंगे और परीक्षण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजेंगे। यह परीक्षण कैंसर की संभावना को खारिज करने के लिए किया जाता है। हालांकि एक लिपोमा कैंसर नहीं है, लेकिन अगर यह लाइपोसारकोमा की तरह दिखता है तो यह घातक कैंसरग्रस्त हो सकता है। एमआरआई और सीटी स्कैन परीक्षण की आवश्यकता तभी होती है जब बायोप्सी की जांच में यह पता चल जाए कि लिपोमा अब लिपोसारकोमा का रुप धारण कर चुका है। हांलाकि डॉक्टर भी अगर गांठ में दर्द नहीं हो तो कुछ विशेष दवाईयां देने से बचते है। फिर भी इन तरीकों को अपनाकर लिपोमा से छुटकारा पा सकते है-
1- सर्जरी
एक लिपोमा के इलाज का सबसे आम तरीका सर्जरी के माध्यम से इसे दूर करना है। यह विशेष रूप से सहायक है यदि आपके पास एक बड़ा त्वचा ट्यूमर है जो लगातार बढ़ रहा है। तो सर्जरी के बाद शायद ही कभी वापस बढ़ता है क्योंकि वे शल्य चिकित्सा द्वारा हटाए जाते हैं।
2- लिपोसक्शन
एक अन्य उपचार विकल्प लिपोसक्शन है। लिपोसक्शन में एक बड़ी सिरिंज से जुड़ी सुई शामिल होती है, और प्रक्रिया से पहले क्षेत्र को आमतौर पर सुन्न किया जाता है। चूंकि लिपोमा वसा आधारित होते हैं, इसलिए यह प्रक्रिया इसके आकार को कम करने के लिए अच्छी तरह से काम कर सकती है।
3- स्टेरॉयड इंजेक्शन
स्टेरॉयड इंजेक्शन भी प्रभावित क्षेत्र पर सही इस्तेमाल किया जा सकता है। इस उपचार से लिपोमा सिकुड़ सकता है, लेकिन यह विधी पूरी तरह से इसे हटा नहीं सकता है।
अगर आप भी लिपोमा बीमारी से पीड़ित है तो उपरोक्त विधियों को अपनाकर आप इससे छुटकारा पा सकते है। आप चाहे तो होम्योपैथिक दवाइयों का भी सहारा ले सकते है लेकिन यह चिकित्सा एक दीर्घकालीक अवधि के लिए हो सकता है।