इंटरनेट के प्रयोग से सभी का जीवन आसान हो गया है। आज वर्ल्ड वाइड वेब के शुरुआत के 30 साल पूरे हो गए है। गूगल ने वर्ल्ड वाइड वेब के 30वें सालगिरह (30th Anniversary Of The World Wide Web) के मौके पर अपने डूडल के जरिए समर्पित कर रहा है। इसे गूगल ने बहुत बड़े स्तर पर सूचनाओं को प्राप्त करने के तकनीकी के रुप में प्रदर्शित किया है। 12 मार्च 1989 में ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी टिम बर्नर्स ली ने वर्ल्ड वाइड वेब का अविष्कार किया था। उस समय शायद टिम बर्नर्स ली को अंदेशा नहीं था कि यह वर्ल्ड वाइड वेब इतना वृहत क्षेत्र में अपनी जगह बना लेगा। दुनिया की पहली वेबसाइट http://info.cern.ch थी। इसके बाद से इंटरनेट को एक नई पहचान मिली और बाद में इसका विस्तार वर्तमान में बहुत बड़े पैमाने पर हो रहा है। भारत में इंटरनेट की शुरुआत 1995 से हुई जिसे विदेश संचार लिमिटेड ने शुरु किया और आज इंटरनेट का प्रयोग सभी के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। आइए जानते है कि आखिर किस तरह से वर्ल्ड वाइड वेब काम करता है- वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) को वेब पेज भी कहा जाता है जो आपस में जुड़े पेजों को इंटरनेट के द्वारा प्राप्त करने की प्रणाली है। सन् 1990 में टिम ने तीन मूलभूत तकनीकों को लिखा था जो आज के वेब की नींव हैं और जिन्हें आप अपने वेब ब्राउज़र के कुछ हिस्सों में देख सकते हैं। वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) के नेटवर्क से बहुत ही सुलभ तरीके हम कोई भी जानकारी हम इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त कर सकते है। एक वेब ब्राउजर की सहायता से हम उन वेब पन्नों को देख सकते हैं जिनमें टेक्स्ट, फोटो (Image), वीडियो, एवं अन्य मल्टीमीडिया शामिल होता है. हाइपरलिंक की सहायता से उन पेजों के बीच जुड़ा होता है. HTML: हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज। वेब के लिए मार्कअप (स्वरूपण) भाषा का इस्तेमाल के तौर पर होता है। URI: यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स आइडेंटिफ़ायर। यह एक प्रकार का "पता" Address है जो अद्वितीय है और वेब पर प्रत्येक संसाधन की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसे आमतौर पर URL भी कहा जाता है। HTTP: हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल। वेब से लिंक किए गए संसाधनों की पुनर्प्राप्ति के लिए अनुमति देता है। इसके जरिए हम एक पेज से दूसरे पेज पर लिंक करते है।वर्ल्ड वाइड वेब क्या है?