ना जाने मनुष्य आज का क्यों इतना महत्वकांक्षी हो रहा, महत्वाकांक्षा के चक्कर में सारे सुख चैन खो रहा,दो वक्त की रोटी से आज ना पेट इसका भर रहा,अपने गमों का नहीं रंज गैरों के सुख पर रो रहा!&nb
किसी व्यक्ति की महत्वाकांक्षा ,उसकी प्रगति का आयाम होती है; महत्वाकांक्षा ना हो किसी व्यक्ति की,तो उसका विकास अधूरा है;एक पेट्रोल पंप कर्मचारी की महत्वाकांक्षा,बन गई दुनिया की बहुत बड़ी कंपनी;धीरूभाई अंबानी की आकांक्षा जल्दी ही बदल गई,आज है वो रिलायंस कंपनी।महत्वाकांक्षा व