किसी व्यक्ति की महत्वाकांक्षा ,उसकी प्रगति का आयाम होती है;
महत्वाकांक्षा ना हो किसी व्यक्ति की,तो उसका विकास अधूरा है;
एक पेट्रोल पंप कर्मचारी की महत्वाकांक्षा,बन गई दुनिया की बहुत बड़ी कंपनी;
धीरूभाई अंबानी की आकांक्षा जल्दी ही बदल गई,आज है वो रिलायंस कंपनी।
महत्वाकांक्षा विहीन व्यक्ति के लिए नहीं खुलता,मार्ग विकास का;
कुंए के मेंढक की तरह है संतुष्ट वह,भागीदार नहीं देश के विकास का।
रतन टाटा की आकांक्षा आज ,कई कंपनियों का समूह हो गई;
उनकी महत्वाकांक्षा हर क्षेत्र में, टाटा समूह को विश्व पटल पे बहुत आगे ले गई।
ऐसा व्यक्ति एक जिंदा लाश है,जिसकी अपनी कोई महत्वाकांक्षा ना हो;
खुद का बोझा ढो ले वही बहुत है,दूसरों को क्या सहायता करे यदि इच्छा शक्ति ना हो।