महावीर रावत
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वर्तमान
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युग कर्म
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मन कहता है.
पहली बार हिंदी की साइट का पता मिला,मेरा मन भी मचल गया,अन्दर तो आ गया ,पर अब समझ नहीं आ रहा क्या लिखू,क्या नेट की लिखी भगवान भी देखता होगा ,चलो में मान लेता हूँ,भगवान भी देखते होंगे ,आप सब में भगवान है,जब हम सब में भगवान है तो फिर हमरा मन क्यों भटकता है ,क्या ढूंढ़ता फिरता हूँ पता नहीं,
मेरा गांव
गांव अब पहले जैसे नहीं रहे ,जब में छोटा था तो चारो और हरियाली थी ,बस से उतरते ही शहर को में भूल जाता था ,बड़े बुजर्गो के पैर छूते छूते में गांव में घुसता दादी -दादा ,ताई -ताऊ ,चाचा -चाची ,सब के चेहरे पर मुस्कान होती थी ,गांव में बिजली नहीं थी ,पर लोगो के दिलो में रौशनी थी,फ़ोन नहीं होते थे ,पर ह
मन कहता है.
पहली बार हिंदी की साइट का पता मिला,मेरा मन भी मचल गया,अन्दर तो आ गया ,पर अब समझ नहीं आ रहा क्या लिखू,क्या नेट की लिखी भगवान भी देखता होगा ,चलो में मान लेता हूँ,भगवान भी देखते होंगे ,आप सब में भगवान है,जब हम सब में भगवान है तो फिर हमरा मन क्यों भटकता है ,क्या ढूंढ़ता फिरता हूँ पता नहीं,
मेरा गांव
गांव अब पहले जैसे नहीं रहे ,जब में छोटा था तो चारो और हरियाली थी ,बस से उतरते ही शहर को में भूल जाता था ,बड़े बुजर्गो के पैर छूते छूते में गांव में घुसता दादी -दादा ,ताई -ताऊ ,चाचा -चाची ,सब के चेहरे पर मुस्कान होती थी ,गांव में बिजली नहीं थी ,पर लोगो के दिलो में रौशनी थी,फ़ोन नहीं होते थे ,पर ह
मन कहता है.
पहली बार हिंदी की साइट का पता मिला,मेरा मन भी मचल गया,अन्दर तो आ गया ,पर अब समझ नहीं आ रहा क्या लिखू,क्या नेट की लिखी भगवान भी देखता होगा ,चलो में मान लेता हूँ,भगवान भी देखते होंगे ,आप सब में भगवान है,जब हम सब में भगवान है तो फिर हमरा मन क्यों भटकता है ,क्या ढूंढ़ता फिरता हूँ पता नहीं,