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मैं भी एक लड़की हूँ ✍️🔥

11 मई 2022

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मैं भी एक लड़की हूँ  दिखने में कमज़ोर लगती हूँ।
आजादी है मुझे भी भरपूर पर संस्कारों को साथ लेकर चलती हूँ।।
                    हाँ मैं भी एक लड़की हूँ............
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दो ऊँगली पर सिगरेट रखकर अपने आप को शरीफ बताती है।
फ्लर्ट और क्रश के नाम पर माँ बाप कि इज्ज़त को सूली पर चढ़ाती है।।
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अपने आप को मॉडर्न बताकर शरीर कि नुमाइश कराती है।
और फैशन के नाम पर ए नारी तू तो औरत होना ही भूल जाती है।।
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है तू मासूम आसूंओं को भरपूर बहाती है अच्छे बनने का नाटक करके बलि का बकरा बनाती है।
कुछ लड़कियों के खातिर पूरी लड़कियों कि जिन्दगी कलंक बन जाती है।।
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पब डिस्को में जाना बेशक तू आज कि नारी है पर चौराहे पर क्यों अपनी इज्ज़त छोड़कर आती है।
गलती खुदकी भी होती पर नाम सिर्फ लड़के पर लगाती है।।
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वाह री आज कि लड़कियां तुम्हारे ही कारण पैदा हुई बच्चियां मर जाती हैं।
विश्वास न करते माता पिता औरों को देखकर जिससे कितनी लड़कियों कि जिन्दगी जीते जी नर्क बन जाती है।।
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किसने कहा लड़के रोते नहीं जिम्मेदारियों कि बेड़ी उनके कदमों में आ जाती है।
लड़की जगत के सामने रो देती और लड़के चश्मे में आंसू छिपाते हैं।।
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कोई तब तक आपको कुछ नहीं कह सकता जब तक आपका उसमें हाथ न हो।
और मासूमियत कि पट्टी चढ़ाकर किसको मूर्ख बनाती हो ।।
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जो अपने माँ बाप के दिए प्यार को भूल जाए क्या खाक किसी का घर बनाती है।
कड़वी है मगर सच्चाई है जो बेटी या बेटा अपने माता पिता के नहीं उनकी खुशियां होते भी मातम कि परछाई छा जाती है।।
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मैं भी एक लड़की हूँ ज़माने कि सच्चाई को अच्छी तरह जानती हूँ।
पर ये दिखावटी दुनिया से काफी दूर है आशियां मेरा सिर्फ कहने को न कहती अमल करना भी जानती हूँ।।
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होंगी लाख बुराई मुझमें पर संस्कारों से खिलवाड़ करना कतई मंजूर नहीं सहन करना मैं भी नहीं जानती हूँ।
ये चौराहे पर इज्ज़त छोड़कर आती इन लड़कियों को जवाब देना भी जानती हूँ।।
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होंगी मॉडर्न पर आजादी के नाम पर किसी का घर बर्बाद करो तुम्हारी बिसात नहीं।
लड़की हो लड़की बनकर रहो अपने हक़ के लिए लड़ो पर किसी कि जिन्दगी बर्बाद करना तुम्हारे हाथ में नहीं।।
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थोड़ी सी बात इस टॉपिक पर ......

" मैं भी एक लड़की हूँ " ..... जी मेरी कोई जाती दुश्मनी नहीं किसी से मैं खुद एक लड़की हूँ अक्सर लड़की लड़की पक्ष का साथ देती नज़र आती है ... हाँ मैं देती हूँ उनका साथ जो साथ कि हक़दार हो .... जो अपनी आजादी के चलते माँ बाप के अरमान कुचले जो भाई कि राखी का मान न रख सके और सबसे महत्वपूर्ण जो एक लड़की होने कि मर्यादा न रख सके मुझे उनके साथ रहने कि जरुरत नहीं।।

ताली दोनों हाथ से बजती हम हमेशा कहते हैं .... माता पिता हद से ज्यादा छूट दे देते जिससे पता ही नहीं चलता लड़की किधर है क्या कर रही है कोई माता पिता हद से ज्यादा पाबन्दियां लगा देते जिससे जो गलत न हो उसको भी घुट घुट कर रहना पड़ता है ....... सोच बदलो वैसे तो बहुत कहते कि आधुनिकता में जी रहे हम्म सोच तो पिछ्ड़ी पाल कर रखी है ..... और उन लड़कियों को भी यही कहेंगे कि इतना नीचे न गिर जाओ कि उठने के लिए सहारा ही न बचे ...... किसी चीज़ का मान न रख सकते तो एक लड़की ही बन कर दिखा दो।।

ईश्वर आपका शुक्रिया मेरे मम्मा पापा ने मुझे सभी आजादी दी जो जायस है मेरे से कभी कोई ऐसा करम न हो जिससे मेरे माता पिता का मान घटे ...... मैहर करना माँ शारदा 🙏🌹🌹🌹

वक़्त है सुधर जाओ ..... दोष अपना भी है मान जाओ।
ये  सिगरेट-शराब से और न इज्ज़त को उड़ाओ मैं भी आज कि ही लड़की हूँ थोड़ा तो छलावे से बाहर निकल जाओ।।

एक बात और लड़की व्यवहार से गुणों से मॉडर्न होती है ये फैशन मेकअप सिगरेट पब डिस्को बगैरा से नहीं .... 
सोचोगी तो जानोगी वरना हमारी बात आसानी से किसी को समझ न आती।।

धन्यवाद.....✍️✍️👑👑

      ❤️Written by Madhuri Raghuwanshi❤️
भारती

भारती

बिल्कुल सही कहा आपने मॉर्डन होने का मतलब यह नहीं कि अपने संस्कार ही भूल जाए.. बेहतरीन रचना 👌🏻👌🏻

11 मई 2022

Madhuri Raghuwanshi

Madhuri Raghuwanshi

11 मई 2022

धन्यवाद दीदी 🙏🙏 बाकी रचना भी पढ़िएगा समय मिले तो 🤗🤗

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