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मैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आप को क्या गम है (गजल)

4 जून 2016

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featured imageमैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आपको क्या गम है (गजल)दर्द-ए-दिल किताब
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रचनाएँ
akmishragajal
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आप इसे पढ़े लाइक करें शेयर करे टिप्पड़ी करें रचनाकार अवनीश कुमार मिश्रा
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तेरी यादों में जिन्दगी गंवा रहा है कोई---दर्द - ए- दिल(गजल)किताब

2 जून 2016
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 यादों में तेरे कितना मर रहा है     तेरे ही गम में आहे भर रहा हैतुम सा न है जग मेंदुनिया से कह रहा है कोईअरमा में तेरे तकिया लगा रहा है कोई---तेरी यादों में जिन्दगी गंवा रहा है कोई---|इश्क से हारा हुआ वोजमाने से डरा हुआ वोगम का मारा हुआ मैय्यत बना रहा है कोई---इश्क खा

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मैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आप को क्या गम है (गजल)

4 जून 2016
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मैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आपको क्या गम है (गजल)दर्द-ए-दिल किताब

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मैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आप को क्या गम है(गजल)" दर्द-ए-दिल "किताब

12 जून 2016
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इश्क करती नहीं मुझे,तो तेरी आँखे क्यों नम हैमैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आपको क्या गम है खोया रात भर रहता हूँ ,तेरे ही सपने हरदम देखा करता हूँ जब करती नही प्यार मुझसे,दिल को कोसता हूँ दिल धड़कने लगता है ,जब तुझको देखता हूँ इक बार गौर से देखो ,ये चेहरा क्या हसीन कम हैमैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो

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तूने दर्द दे दिया ,अरे वो बेहया (गजल)"दर्द-ए-दिल"पुस्तक

27 जून 2016
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तूने जो दर्द दिया वो सहते गये ,तेरे चाहत के समुन्दर में बहते गये|तेरी नफरत के समुन्दर ने ऐसी हिलोर मारी ,उस समुन्दर के हिलोर में सब चाहते ढ़हते गये|दब गया था गम के मलबे में फिर भी जीवन जी लिया तूने दर्द दे दिया ,अरे वो बेहया|तेरी याद में अपने घर को मैखाना बना ड़ाला,शराबों की बोतल को राहों में सजा ड़

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