इश्क करती नहीं मुझे,
तो तेरी आँखे क्यों नम है
मैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आपको क्या गम है
खोया रात भर रहता हूँ ,
तेरे ही सपने हरदम देखा करता हूँ
जब करती नही प्यार मुझसे,दिल को कोसता हूँ
दिल धड़कने लगता है ,
जब तुझको देखता हूँ
इक बार गौर से देखो ,ये चेहरा क्या हसीन कम है
मैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आपको क्या गम है|
चैन छीना,ख्वाब छीना ,
नींद छीन लिया
चढ़ती जवानी में ये सनम,
तुमने दर्द दे दिया
गमों में अपनी आँखों को,दरिया बना ड़ाला
न जाने कितनी शराब ,
मैखाने में पी लिया
दर्दों-गमों के बाद भी,मुझे प्यार न तुमसे कम है
मैं मर रहा हूँ तेरी याद में तो आप को क्या गम है||
तेरे सुरूर के अंधेरे में,चलता रहा मैं
हाय कैसी जवानी मेरी,जवानी से जलता रहा मैं
मेरे पागलपन ने मुझे,दिया जलाने न दिया
शराबों का समुन्दर लिए,
रातभर चलता रहा मैं
कोई और न होगी जिन्दगी में,ये अवनीश कुमार मिश्रा की कसम है
मैं मर रहा हूँ तेरे याद में तो आपको क्या गम है|||