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ममता कालिया के बारे में

ममता कालिया एक प्रमुख भारतीय लेखिका हैं। वे कहानी, नाटक, उपन्यास, निबंध, कविता और पत्रकारिता अर्थात साहित्य की लगभग सभी विधाओं में हस्तक्षेप रखती हैं। हिन्दी कहानी के परिदृश्य पर उनकी उपस्थिति सातवें दशक से निरन्तर बनी हुई है। लगभग आधी सदी के काल खण्ड में उन्होंने 200 से अधिक कहानियों की रचना की है। वर्तमान में वे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका "हिन्दी" की संप

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ममता कालिया की पुस्तकें
जीते जी इलाहाबाद

जीते जी इलाहाबाद

एक ऐसा शहर जहाँ बकौल ममता कालिया पैदल चलना किसी नि

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जीते जी इलाहाबाद

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 अंदाज़-ए-बयां उर्फ़ रवि कथा

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बेमिसाल कथाकार जोड़ी रवीन्द्र कालिया और ममता कालिया

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 अंदाज़-ए-बयां उर्फ़ रवि कथा

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दौड़

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‘दौड़’ को लघु उपन्यास कहें या लंबी कहानी , इसका रच

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दौड़

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नरक दर नरक

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उपन्यास की भाषा संक्रमण काल के उफनते-खलबलाते जीवन

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 बेघर

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‘बेघर’ ममता कालिया का पहला उपन्यास और उनकी दूसरी प

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 बेघर

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खाँटी घरेलू औरत

खाँटी घरेलू औरत

एक लेखक का रचाव और सृजन-माटी जिन तत्वों से बनती है

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 दो गज़ की दूरी

दो गज़ की दूरी

दो गज़ की दूरी' वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन

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 दो गज़ की दूरी

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ममता कालिया के लेख
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