दो गज़ की दूरी' वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन कहानी-संग्रह है।इन कहानियों की विशेषता इनकी सहजता और सरलता है। ये अपनी संवेदनात्मक संरचना में से होते-होते दृश्यों, कथनों, अतिपरिचित मनोभावों के सहारे आगे बढ़ती हैं। ममता कालिया व्यंग्य नहीं, विडम्बना के सहारे आज के जीवन की अर्थहीनता को तलाशती हैं।
दो गज़ की दूरी' वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन कहानी-संग्रह है।इन कहानियों की विशेषता इनकी सहजता और सरलता है। ये अपनी संवेदनात्मक संरचना में से होते-होते दृश्यों, कथनों, अतिपरिचित मनोभावों के सहारे आगे बढ़ती हैं। ममता कालिया व्यंग्य नहीं, विडम्बना के सहारे आज के जीवन की अर्थहीनता को तलाशती हैं।