हिंदी और गुजराती भाषा में सक्रिय रूप से लेखन करती हूँ। साहित्य में विशेष रुचि है।
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कुछ तो है तेरे मेरे दरमियांँ जो करता है मुझे बेक़रार, <div>बेचैन दिल को चैन न मिले जब तक ना हो
<div><span style="font-size: 1em;">वक़्त के पहियों के साथ चलता हुआ </span><br></div><div>ये जीव